सावन मास के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर भौम प्रदोष का दुर्लभ संयोग, कर्ज से मुक्ति के 3 अचूक उपाय
rare bhaum pradosh combination: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इस बार 22 जुलाई 2025, मंगलवार को एक अत्यंत दुर्लभ और शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत भी है और साथ ही भौम प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। यह संयोग भगवान शिव, माता पार्वती (गौरी) और मंगल देव की एक साथ कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है, जो कर्ज मुक्ति और धन संबंधी परेशानियों को दूर करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है।
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मंगला गौरी और भौम प्रदोष व्रत के दुर्लभ संयोग का महत्व: यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है, जो अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और मंगल दोष निवारण के लिए रखा जाता है। मंगलवार को होने के कारण यह अपने आप में मंगलकारी होता है। जब प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो उसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव और हनुमान जी को समर्पित होता है। इसका विशेष महत्व कर्ज मुक्ति, रोगों से छुटकारा और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए है।
आइए अब यहां जानते हैं कर्ज मुक्ति के 3 अचूक उपाय:
इस विशेष दिन पर आप कर्ज से मुक्ति पाने और धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए ये 3 अचूक उपाय कर सकते हैं:
1. संयुक्त शिव-गौरी-हनुमान पूजा और लाल मसूर दान:
विधि: 22 जुलाई को शाम के समय प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक के समयावधि में स्नान कर लें। एक ही पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती और हनुमान जी की उपासना करें। फिर शिवलिंग पर लाल चंदन, बेलपत्र, धतूरा, गुड़ का जल और शुद्ध जल अर्पित करें।
'ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। माता गौरी के पूजन हेतु लाल पुष्प, सिंदूर, लाल चूड़ियां और लाल चुनरी अर्पित करें।
'सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।' मंत्र का जाप करें। फिर हनुमान जी के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें चमेली के तेल के साथ सिंदूर चढ़ाएं। बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। साथ ही पूजा के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को लाल मसूर की दाल का दान करें। यह मंगल ग्रह को शांत करता है और कर्ज मुक्ति में सहायक होता है।
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उपाय का लाभ: यह उपाय सीधे तौर पर कर्ज के कारक ग्रह मंगल को शांत करता है, शिवजी और गौरी माता की कृपा से धन आगमन के मार्ग खुलते हैं और हनुमान जी संकटों से रक्षा करते हैं।
2. पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और अभिषेक:
विधि: भौम प्रदोष व्रत के दिन शाम को पूजा के लिए स्वयं शुद्ध मिट्टी से एक छोटा पार्थिव शिवलिंग बनाएं। यदि संभव हो तो मिट्टी में थोड़ी गंगाजल और बेलपत्र का चूर्ण मिला लें। इस पार्थिव शिवलिंग का विधिवत पंचामृत या दूध, दही, घी, शहद, शकर से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय लगातार 'ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः' मंत्र का जाप करें। अभिषेक के बाद बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल आदि अर्पित करें। पूजा समाप्त होने पर इस पार्थिव शिवलिंग को किसी नदी या जलाशय में विसर्जित कर दें।
3. मंगल स्तोत्र और शिव रुद्राष्टकम का पाठ:
विधि: 22 जुलाई को दिन भर या शाम की पूजा के समय मंगल स्तोत्र का पाठ करें। यह स्तोत्र मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने में सहायक होता है। इसके साथ ही, भगवान शिव को समर्पित रुद्राष्टकम तथा श्री शिव चालीसा का पाठ करें। रुद्राष्टकम तथा शिव चालीसा भगवान शिव को प्रसन्न कर सभी प्रकार के कष्टों और ऋणों से मुक्ति दिलाता है। पाठ करते समय मन में अपनी कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।
उपाय का लाभ: इन स्तोत्रों का पाठ करने से मानसिक शक्ति मिलती है, ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और कर्ज चुकाने के नए रास्ते खुलते हैं। इन उपायों को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ करने से निश्चित रूप से आपको कर्ज संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।
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