7 mukhi rudraksha benefits in hindi: सावन का पवित्र महीना भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने का सर्वोत्तम समय होता है। इस दौरान भक्तजन विभिन्न पूजा-पाठ और उपायों से महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत शक्तिशाली और लाभकारी उपाय है सातमुखी रुद्राक्ष धारण करना। ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों में, विशेषकर शिवपुराण में, सातमुखी रुद्राक्ष को साक्षात् ऐश्वर्य का स्वरूप बताया गया है। मान्यता है कि इसे धारण करने मात्र से जीवन में धन, ऐश्वर्य, और सौभाग्य के द्वार खुल जाते हैं।
सातमुखी रुद्राक्ष: धन और ऐश्वर्य का दाता
सातमुखी रुद्राक्ष को सप्तमातृकाओं (ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा) का स्वरूप माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह रुद्राक्ष देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करता है, और इसे धारण करने वाले पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। यह न केवल धन और ऐश्वर्य प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक समृद्धि भी देता है।
जिन लोगों को जीवन में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, या जो व्यापार में लगातार घाटा झेल रहे हैं, उनके लिए सावन में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करना चमत्कारी परिणाम दे सकता है। यह दरिद्रता को दूर कर धन आगमन के नए स्रोत खोलता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ:
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धन और समृद्धि: यह रुद्राक्ष साक्षात् लक्ष्मी का स्वरूप है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन की कमी दूर होती है और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। व्यापार में सफलता मिलती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
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ग्रह दोषों का शमन: ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सातमुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह से संबंधित है। इसे धारण करने से शनि के अशुभ प्रभावों, जैसे साढ़े साती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
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स्वास्थ्य लाभ: यह रुद्राक्ष शरीर में ऊर्जा संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और हड्डियों से संबंधित समस्याओं में भी लाभकारी माना जाता है।
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संबंधों में सुधार: यदि आप किसी ऐसे व्यापार में हैं जहाँ आपको अपने कर्मचारियों या सहयोगियों से सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य लेना है, तो यह आपके लिए अत्यंत लाभदायक है। यह संबंधों में सामंजस्य और आपसी समझ को बढ़ाता है।
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मानसिक शांति और सुरक्षा: यह मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है और वह एक सकारात्मक ऊर्जा से घिरा रहता है।
धारण करने का सही तरीका:
सातमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि इसका पूर्ण लाभ मिल सके:
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शुद्धि: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करें।
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मंत्र जाप: इसे 'ॐ हुं नमः' या 'ॐ महालक्ष्म्यै नमः' जैसे मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करके धारण करना शुभ माना जाता है।
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समय: इसे सावन सोमवार या किसी भी शुभ मुहूर्त में धारण करना विशेष फलदायी होता है।
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धारण स्थान: इसे गले में धारण करना सबसे उत्तम माना जाता है, या फिर आप इसे अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर भी रख सकते हैं। मान्यता है कि तिजोरी में इसे रखने से लक्ष्मी जी की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।
सावन के पवित्र महीने में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करना आपके जीवन में चमत्कारी परिणाम ला सकता है। यह न केवल भौतिक समृद्धि प्रदान करेगा, बल्कि आपको मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष भी देगा। पूरी श्रद्धा और सही विधि-विधान से इसे धारण करें, और देखें कैसे आपके जीवन में धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि के द्वार अपने आप खुल जाते हैं।
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