• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. sawan ka pehla somwar puja vidhi
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 12 जुलाई 2025 (17:05 IST)

Sawan 2025: सावन सोमवार व्रत के दिन इस विधि से करें शिव की पूजा, जानिए शुभ संयोग और पूजन मुहूर्त

sawan ka pehla somwar puja vidhi
First Monday of Shravan 2025: 14 जुलाई 2025 को सावन मास का पहला सोमवार रहेगा। इस दिन शिवालयों में शिवलिंग पूजा के लिए बहुत भीड़ रहेगी। इस भीड़भाड़ में अच्छे से पूजा हो नहीं पाती है बस दर्शन लाभ ले सकते हैं। किसी ऐसे मंदिर जा सकते हैं जहां ज्यादा भीड़ न हो। आप घर पर भी शिवलिंग की विधिवत पूजा कर सकते हैं। कैसे करें विधिवत पूजा और क्या है पूजन का शुभ मुहूर्त जानिए सबकुछ।
 
सावन सोमवार की पूजा का शुभ मुहूर्त:
1. शस्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 12 बजे के पहले तक शिवजी की पूजा कर लेना चाहिए इसके बाद शाम 5 बजे के बाद पूजा करें।
  1. ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:42 से 05:26 के बीच।
  2. प्रातः पूजा समय: प्रात:काल 05:04 से 06:09 के बीच।
  3. अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:18 से दोपहर 01:11 के बीच। इस मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं।
  4. गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:18 से 07:40 के बीच।
  5. निशिथ काल: मध्यरात्रि 12:23 से 01:06 के बीच।
शुभ योग संयोग: प्रथम सोमवार 14 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी के योग के साथ ही इस दिन धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र, आयुष्मान योग के अलावा सौभाग्य योग भी रहेगा। पंचांग भेद से हर्षण योग, सिद्ध योग और भद्रा वास का भी निर्माण होना बताया जा रहा है।
 
श्रावण सोमवार व्रत पूजा विधि: 
  • पहले श्रावण सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त ही स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
  • गंगा जल या पवित्र जल से पूजा स्थान को शुद्ध करें।
  • भगवान शिव की मूर्ति, चित्र या शिवलिंक एक पाट पर स्थापित करें।
 
- पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
 
- इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥
 
- ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' तथा 'ॐ शिवायै' नमः' से शिव और पार्वती जी का षोडशोपचार पूजन करें।
 
षोडशोपचार पूजन: षोडशोपचार पूजन अर्थात 16 तरह से पूजन करना। ये 16 प्रकार हैं- 1.ध्यान-प्रार्थना, 2.आसन, 3.पाद्य, 4.अर्ध्य, 5.आचमन, 6.स्नान, 7.वस्त्र, 8.यज्ञोपवीत, 9.गंधाक्षत, 10.पुष्प, 11.धूप, 12.दीप, 13.नैवेद्य, 14.ताम्बूल, दक्षिणा, जल आरती, 15.मंत्र पुष्पांजलि, 16.प्रदक्षिणा-नमस्कार एवं स्तुति।
 
  • उपरोक्त प्रकार से पूजा करने के पश्चात श्रावण मास व्रत की कथा सुनें।
  • तत्पश्चात धूप, दीप से करके प्रसाद वितरण करें।
  • इसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। 
  • तत्पश्चात आप अपनी शक्तिनुसार फलाहार या भोजन ग्रहण करें।
ALSO READ: 14 जुलाई को सावन माह की प्रथम सवारी पर क्या रहेगा उज्जैन महाकाल बाबा का स्वरूप, कैसे करें पूजा
ALSO READ: सावन में शिवलिंग पर चढ़ाएं इन 5 अनाजों की शिवा मुट्ठी, महादेव के आशीर्वाद से हर मनोकामना होगी पूरी
ALSO READ: सावन में भूल कर भी ना करें इन चीजों का दान, जीवन पर पड़ता है विपरीत प्रभाव
ALSO READ: पहली बार रख रहे हैं सावन सोमवार का व्रत तो इन नियमों को जरूर अपनाएं
ALSO READ: सावन मास प्रारंभ, जानिए कितने सोमवार, कितने प्रदोष और पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि, रुद्राभिषेक के साथ 5 अचूक उपाय
ALSO READ: shravan 2025: सावन में कब कब सोमवार रहेंगे?