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  4. When will Shri Krishna Janmashtami be celebrated in Mathura 2025
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 16 अगस्त 2025 (11:17 IST)

मथुरा कृष्‍ण जन्मभूमि और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कब मनेगी जन्माष्टमी, रात को क्या है पूजा का समय?

mathura janamashtami
ब्रजमंडल में श्री कृष्‍ण जन्माष्टमी की धूम रहती है। खासकर वृंदावन और मथुरा में कृ्ष्ण जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी मथुरा का श्री केशवदेव कृ्ष्ण मंदिर सजधज कर तैयार हो गया है। मथुरा, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है यहां पर मंदिर में विशेष सुरक्षा और व्यवस्था के साथ भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि ठीक 12 बजे जन्म के क्षण को बेहद वास्तविक अंदाज में दर्शाया जाता है। मंदिर में भजन-कीर्तन, रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों की सजावट और झांकियां देखने वालों के मन को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। मथुरा में जन्माष्टमी मनाना, हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
 
16 अगस्त मध्यरात्रि पूजा का समय:
16 अगस्त निशिथ पूजा का समय- मध्यरात्रि 12:04 से 12:47 तक।
 
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और सभी प्रमुख मंदिरों में 16 अगस्त की मध्यरात्रि में यह उत्सव मनाया जाएगा। यहां पर जन्माष्टमी के पर्व को दिव्य और भव्य बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस बार जन्मभूमि मंदिर में शुक्रवार को भगवान कृष्ण की भव्य पोशाक का एक विशेष 'अर्पण और दर्शन' समारोह आयोजित किए जाने के बाद शनिवार को चांदी से सुसज्जित गर्भगृह को सिंदूर पुष्प महल की तरह सजाया गया है जहां पर भगवान श्री कृष्ण को विराजमान किया जाएगा। ठाकुरजी की चल विग्रह को 'रजत-सूप' में विराजमान कर अभिषेक स्थल तक ले जाया जाएगा। इस प्रकार भगवान का प्राकट्य भी 'रजत-कमल' पुष्प में होगा और पहला स्नान सोने की परत चढ़ी चांदी की कामधेनु गाय की मूर्ति के जरिए किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालुजन ठाकुरजी के जन्माभिषेक दर्शन के लिए मंदिर परिसर में सुबह साढ़े पांच बजे से रात्रि डेढ़ बजे तक प्रवेश पा सकेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि जन्माष्टमी का त्योहार वृंदावन के श्रीबांके बिहारी मंदिर में भी 16, अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा। इसके बाद अगले दिन यानी भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर मंदिर में नंदोत्सव मनाया जाता है। ब्रज के प्रमुख मंदिर जैसे कृष्ण जन्मभूमि, बांके बिहारी और इस्कॉन वृंदावन में पवित्र अनुष्ठान और मध्यरात्रि आरती होती है।
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