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Last Updated : गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022 (16:40 IST)

Russia Ukraine War: आखि‍र क्या होता है मार्शल लॉ, जो यूक्रेन ने रूस हमले के बाद लगाया

Russia Ukraine War:  आखि‍र क्या होता है मार्शल लॉ, जो यूक्रेन ने रूस हमले के बाद लगाया - Russia Ukraine War, martial law, what is martial law,
रूस और यूक्रेन के बीच वॉर चल रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पी हमले के आदेश जारी कर दिए हैं, यूक्रेन अकेला फंस गया है।

रूस यूक्रेन में सैन्य अभियान (Russia Attack On Ukraine) चलाने जा रहा है। रॉयटर्स ने यूक्रेन के हवाले से कहा है कि रूसी गोलाबारी में कम से कम 7 लोग मारे गए हैं, जबकि 9 घायल हुए हैं।

वहीं, रूस के हमले (Russia Attack) को लेकर NATO जोरदार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। NATO के 30 सदस्य देशों की ओर से रूस पर हमला किया जाएगा। NATO रूस के खिलाफ आर्टिकल-4 का इस्तेमाल करेगा।

माना जा रहा है कि यह विश्व युद्ध की शुरुआत है। वहीं, यूक्रेन ने दावा किया गया है कि रूस के हमले में 300 लोग मारे गए हैं। इसी के साथ ये भी दावा किया जा रहा है कि उसके सभी सैन्य ढांचे तबाह कर दिए गए हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा कर दी है और नागरिकों से अपील की है इस स्थिति में घबराए नहीं।

ऐसे में सवाल है कि आखिर ये मार्शल लॉ क्या होता है। इसके लागू होने के बाद नागरिकों के रहन-सहन में क्या अंतर आ जाता है और किस तरह से जन-जीवन प्रभावित होता है। जानते हैं कि मार्शल लॉ में क्या नियम लागू हो जाते हैं।

क्या होता है मार्शल लॉ?
मार्शल लॉ की साधे शब्दों में मतलब है सेना का राज। ऐसे समय में सेना का समाज पर पूरा नियंत्रण हो जाता है। इसी कंट्रोंल को मार्शल लॉ के रूप में जाना जाता है। इसके बाद सेना की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश के हिसाब से ही लोगों को काम करना होता है और सेना पूरा कार्यभार संभाल लेती है।

यह सेना द्वारा प्रशासित कानून है। अभी यूक्रेन में भी यह लागू किया गया है और यह देश कई अलग अलग परिस्थितियों में लागू करते हैं। दरअसल, मार्शल लॉ को किसी आपात स्थिति में, किसी संकट की प्रतिक्रिया में या फिर कब्जे वाले क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है।

इसके बाद उस क्षेत्र में डायरेक्ट मिलिट्री कंट्रोल हो जाता है और अब यूक्रेन में ऐसा हो रहा है। ऐसा नहीं है कि ऐसा यूक्रेन में ऐसा पहली बार हो रहा है, इससे पहले भी कई देशों में ऐसा हो चुका है।

जब कुछ विपरीत परिस्थितियों में मार्शल लॉ लागू किया जाता है तो नागरिक स्वतंत्रता और उनके मूल अधिकार रद्द माने जाते हैं। इस कानून के लागू होते ही नागरिक स्वतंत्रता से जुड़े मूल अधिकार जैसे कि मुक्त आवाजाही, बोलने की स्वतंत्रता,अनुचित खोजों से सुरक्षा और बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून निलंबित हो जाते हैं।

इसके बाद कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं और बैठक, आंदोलनों और राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। इस लॉ में अधिकांश जगह कर्फ्यू लगा दिया जाता है, सिविल लॉ, सिविल अधिकार खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा जो लोग इस लॉ का पालन नहीं करते हैं, उनके साथ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया अपनाई जाती है। बता दें कि इससे पहले यूक्रेन में 30 दिन के लिए इमरजेंसी घोषित कर दी गई थी।