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Written By एन. पांडेय
Last Modified: बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (09:21 IST)

स्पीकर समेत दिल्ली पहुंचे सीएम धामी, क्यों गरमाई उत्तराखंड की सियासत?

स्पीकर समेत दिल्ली पहुंचे सीएम धामी, क्यों गरमाई उत्तराखंड की सियासत? - uttarakhand politics : CM Dhami in Delhi
देहरादून। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी के 3 दिन के लिए दिल्ली पहुंचने से राज्य की राजनीति में फिर से उबाल आ गया। मुख्यमंत्री इस बार अकेले ही दिल्ली नहीं पहुंचे हैं बल्कि स्पीकर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी दिल्ली गए हैं। तीनों दिग्गजों के एक साथ दिल्ली दौरे से सत्ताधारी BJP व मंत्रिमंडल सदस्यों में खलबली मची हुई है।
 
कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री केंद्रीय कमान के साथ राज्य के कुछ मंत्रियों के कामकाज के बारे में डिस्कस कर रहे हैं। कुछ के इस्तीफे का निर्देश ला सकते हैं। इसके बाद नए चेहरों की मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर भी चर्चाएं यकायक बढ़ गई हैं।
 
कहा यह भी जा रहा है कि पुष्कर अपने दिल्ली दौरे में PM-HM से मुलाकात कर उनको UKSSSC-विधानसभा भर्ती घोटालों के खुलासों तथा सरकार की कार्रवाई के साथ ही अंकिता भंडारी हत्याकांड पर भी रिपोर्ट आला कमान को देंगे। राज्य से जुड़े मुद्दों पर तीन दिनों में वे PM-HM से कब मिलेंगे ये अभी तय नहीं है।
 
भर्ती घोटालों और अंकिता हत्याकांड की देश भर में गूंज होने से एन मुद्दों पर भी सरकारी फीडबैक वे केंद्र को देंगे यह तय है। माना यह भी जा रहा है की पिछले महीने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रधानमन्त्री से मुलाक़ात कर राज्य का फीडबैक उनको दिया था इसके बाद पुष्कर को भी उनके दिए फीडबैक पर पीएम को अपमनी सफाई देनी है।
 
देखने में यह आया है कि CM की घेराबंदी करने में कांग्रेस से अधिक उनकी ही पार्टी के कुछ क्षत्रपों की अधिक अहम भूमिका रही है। अंकिता मामले में विपक्षी दल ये सवाल भी उठाने में कसर नहीं छोड़ रहा कि अंकिता को आखिर किस VIP की स्पेशल सेवा के लिए दबाव में लिया जा रहा था? वह कोई मंत्री या सत्ताधारी दल का अहम शख्स या MLA तो नहीं है? इसका जवाब देने में भी सरकार को पसीने छूटना तय है।
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर यह मुद्दा जोर शोर से उठाया ।CM इन सभी मामलों में PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह को हालत की जानकारी देंगे। CM के कुछ मंत्रियों की करतूतों और हमेशा विवादों में घिरे रहने की हरकतों की भी शिकायत हाई कमांड से कर उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी करने की स्वीकृति ले सकते हैं।
 
खास तौर पर लोकसभा चुनाव और इन मंत्रियों पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए केंद्रीय कमान उनको इसकी स्वीकृति दे सकता है। इस संबंध में बेहद महत्वाकांक्षी 4 मंत्रियों के नाम चर्चा के केंद्र भी बने हैं। जिसके बाद मंत्रिमंडल में खाली कुर्सियों की तादाद बढ़ते ही नए चेहरों को जिम्मेदारी मिलना भी तय है।
 
इसके तहत नई जिम्मेदारी पाने वालों में कांग्रेस के राज्य में कद्दावर नेताओं को पटखनी देने वाले लालकुंवा से हरीश रावत को हर चुके डॉ मोहन सिंह बिष्ट और रानीखेत से वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष कारन महरा को हराने वाले प्रमोद नैनवाल को नये चेहरों के रूप में मंत्रिमंडल में एडजस्ट किया जा सकता है। ये दोनों युवा हैं और अपने क्षेत्रों काफी सक्रिय भी।
 
इसके अलावा मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय जो इस बार भाजपा से टीहरी क्षेत्र के विधायक बने हैं, का भी नंबर नए चेहरों में आ सकता है।
 
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