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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : मंगलवार, 27 सितम्बर 2022 (20:03 IST)

नए संसद भवन के लिए कश्मीरी कालीन हुए तैयार, 12 आयताकार कालीन बढ़ाएंगे भवन की शोभा

नए संसद भवन के लिए कश्मीरी कालीन हुए तैयार, 12 आयताकार कालीन बढ़ाएंगे भवन की शोभा - Kashmiri carpets ready for the new Parliament House
जम्मू। नए संसद भवन के भीतर जो कालीन बिछाए जाने हैं, वे इस बार कश्मीर से ही रवाना होंगे। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के मास्टर कारीगरों और महिलाओं ने उत्कृष्ट हस्तनिर्मित कश्मीरी कालीनों पर काम पूरा कर लिया है, जो राजपथ पर नए संसद भवन को सुशोभित करेंगे। भवन में 12 आयताकार कालीन इसकी शोभा को बढ़ाएंगे।
 
इस रिपोर्टर ने पहली बार 13 अगस्त को यह रिपोर्ट दी थी कि 48 कारीगरों सहित कुल 12 परिवार नए संसद भवन के लिए हस्तनिर्मित कालीन तैयार कर रहे हैं। शिल्पी पिछले 8 महीनों से शुंगलीपोरा गांव में रेशम के कालीन तैयार कर रहे थे, जहां लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या हस्तशिल्प से जुड़ी है, जो पीढ़ियों से उनकी आजीविका का साधन रही है।
 
कालीन बुनकरों में से एक खान इम्तियाज ने बताया कि नए संसद भवन के लिए कालीन बुनना उनके लिए सौभाग्य की बात है। खान ने कहा कि हमारे शुंगलीपोरा गांव में 9 कश्मीरी कालीन थे जिनमें से 7 कालीन स्थानीय डीलर को सौंपे गए हैं जिन्होंने हमें यह कार्य प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि अन्य 3 कालीनों को लछमनपोरा, चिल और लसीपोरा के आसपास के गांवों के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है बाकी 2 कालीनों पर कुछ मामूली काम है, जो कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा।
 
एक अन्य कालीन बुनकर गुलजार अहमद मलिक ने कहा कि सभी 12 कालीन आकार में आयताकार हैं और 12 अलग-अलग रंगों से जड़े हुए हैं। यह एक विशेष ऑर्डर था। यह कालीन 4,000 रुपए प्रति फुट की कीमत से उपलब्ध कराया गया है। हालांकि कश्मीरी कालीन की सामान्य कीमत 1,500 से 1,800 रुपए प्रति फुट है।
 
प्रत्येक 8 फीट बाय 11 फीट मापने वाले कालीन, समकालीन पैटर्न नहीं लेते हैं, लेकिन कश्मीरी और भारतीय पारंपरिक डिजाइनों के संयोजन को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि हम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बहुत आभारी हैं जिन्होंने हाल ही में अपने 'अवाम की आवाज' कार्यक्रम के दौरान हम सभी की सराहना की।
 
उन्होंने कहा कि बडगाम के कारीगरों को अब उम्मीद है कि उन्हें इस तरह के और आर्डर मिलेंगे, जो अंतत: इस पारंपरिक कला को एक बड़ा बढ़ावा देंगे। परियोजना से जुड़े कालीन बुनकर तारिक अहमद खान ने कहा कि उपायुक्त बडगाम ने कुछ दिनों के लिए उनके गांव का दौरा किया और इन कालीनों को तैयार करने वाले सभी कारीगरों से मुलाकात की। कालीन तैयार करने का ऑर्डर प्राप्त करने वाले कमर अली खान ने कहा कि हमें यह ऑर्डर दिल्ली की एक कंपनी से प्राप्त हुआ है।(सांकेतिक चित्र)