ऑक्सीमीटर ने दिया धोखा, डेढ़ साल तक चलती रही मुर्दे की पल्स
कानपुर। आयकर विभाग कर्मी विमलेश गौतम की मौत के डेढ़ साल के बाद कई सवालों के जवाब तलाशने में पुलिस जुटी है, जिसके चलते बुधवार को डेढ़ साल पहले मर चुके विमलेश गौतम के घर एडीसीपी वेस्ट लखन सिंह और एसीपी कल्याणपुर दिनेश शुक्ला मृतक विमलेश के घर पहुंचे और इस दौरान कई अनसुलझे सवालों के जवाब एडीसीपी वेस्ट व एसीपी ने मृतक के पिता रामऔतार, मां रामदुलारी, भाई सुनील और दिनेश व पत्नी मिताली से पूछे।
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस दौरान परिजनों ने भावुक होते हुए कहा कि विमलेश की मौत को डेढ़ साल पहले ही स्वीकार चुके थे लेकिन ऑक्सीमीटर में पल्स दिखाई देने के कारण विमलेश का अंतिम संस्कार नहीं कर सके और विमलेश के जिंदा होने की आशा में डेढ़ साल तक पूरा परिवार सेवा करता रहा।
40 मिनट तक हुई पूछताछ : रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में आयकर विभाग कर्मी मृतक विमलेश गौतम के घर सवालों के जवाब तलाशने पहुंचे।एडिशनल डीसीपी पश्चिम ने परिवार से 40 मिनट तक पूछताछ की। इस दौरान एडिशनल डीसीपी ने इतने दिन तक घर में शव कैसे रखा और आयकर विभाग से वेतन आदि के बारे में सवाल किए, जिसका घरवालों ने जवाब दिया।
पूछताछ में ऑक्सीमीटर की गड़बड़ी की बात भी सामने आई, वहीं अब तक की पूछताछ में पुलिस परिजनों का भावनात्मक जुड़ाव होना मान रही है और अब मनोचिकित्सक से बात कराने के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है।
क्या बोले अधिकारी : एडिशनल डीसीपी पश्चिम लखन यादव ने बताया मृतक के परिजनों से मुलाकात कर जानकारी एकत्र की गई है।मनोचिकित्सक से भी बात करने के बाद कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा।
क्या था मामला : रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में रहने वाले 35 वर्षीय विमलेश गौतम अहमदाबाद में आयकर विभाग में तैनात थे।बीते शुक्रवार को आयकर विभाग से मिले पत्र पर सीएमओ टीम घर पहुंची थी।जिसमें 17 माह से उनका शव घर पर रखने की जानकारी सामने आई थी।
पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम चार घंटे की मशक्कत के बाद घरवालों को बेहतर उपचार की बात कहकर शव को एलएलआर अस्पताल हैलट लेकर आए थे और फिर परिजनों को विमलेश की मौत होने की पुष्टि करने के बाद परिजनों को समझा-बुझाकर विमलेश का अंतिम संस्कार कराया गया था।