H-1B वीजाधारकों के लिए बड़ी खबर, ट्रंप सरकार ने दी बड़ी राहत
अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदनों पर ट्रंप प्रशासन की ओर से लगाया गया एक लाख अमेरिकी डॉलर का शुल्क ऐसे आवेदकों पर लागू नहीं होगा, जो अपने स्टेटस में बदलाव कराना चाहते हैं या फिर प्रवास की अवधि बढ़वाना चाहते हैं। नए दिशानिर्देशों में यह जानकारी दी गई है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा सोमवार को जारी दिशानिर्देशों में 'कुछ गैर-आप्रवासी कामगारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 19 सितंबर के आदेश में दी गई छूट को स्पष्ट किया गया है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) द्वारा जारी दिशानिर्देश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 19 सितंबर के गैर-आप्रवासी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश में दी गई छूटों को स्पष्ट करते हैं। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदनों पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (88 लाख भारतीय रुपये) का शुल्क उन आवेदकों पर लागू नहीं होगा जो अपनी स्थिति में परिवर्तन या अपने प्रवास की अवधि बढ़ाना चाहते हैं।
इन्हें मिलेगी छूट
इस समय जिन लोगों के पास वैध एच-1बी वीजा है, उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा। 21 सितंबर 2025 को 12.01 पूर्वाह्न EDT से पहले प्रस्तुत आवेदन पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा। करेक्शन, बदलाव, संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर रहने की अवधि बढ़ाने की मांग वाले आवेदन पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
इन्हें देना होगा शुल्क
21 सितंबर 2025 को या उसके बाद दायर किए गए आवेदनकर्ताओं को शुल्क देना होगा। इसके साथ ही वैध एच-1बी वीजा के बिना संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर काम करने वाले श्रमिकों को भी इस आवेदन के लिए शुल्क देना होगा। अमेरिका में कामगारों के लिए कांसुलरी या प्रवेश बंदरगाह अधिसूचना के लिए अनुरोध करने वाले आवेदनकर्ताओं और ऐसी याचिकाएं जिनमें स्थिति में परिवर्तन या विस्तार अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया हो, उन्हें शुल्क देना होगा।