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Last Modified: शुक्रवार, 23 सितम्बर 2022 (20:13 IST)

डेढ़ साल पहले हुई थी आयकर कर्मचारी की मौत, पत्नी जिंदा समझ शव की कर रही थी देखभाल...

डेढ़ साल पहले हुई थी आयकर कर्मचारी की मौत, पत्नी जिंदा समझ शव की कर रही थी देखभाल... - Considering the husband alive, the wife was taking care of the dead body
कानपुर। कानपुर में शुक्रवार को एक अजब-गजब मामला सामने आया।यहां एक महिला डेढ़ साल से अपने पति का शव घर में रखे हुए थी।पत्नी को यकीन ही नहीं था कि उनका पति मर चुका है।पत्नी व अन्य परिजन कोमा में होने की जानकारी के चलते मृतक के शव को घर में रखे हुए थे लेकिन वहीं शुक्रवार को सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शव को कब्जे में ले लिया जिसके बाद पत्नी हंगामा करने लगी। हंगामे की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई जिसके बाद पुलिस ने शव को जांच के लिए एलएलआर अस्पताल भिजवाया गया जहां डॉक्टरों ने काफी समय पहले ही मृत होने की पुष्टि की है।

22 अप्रैल 2021 को हो चुकी थी मौत : कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र में इनकम टैक्स चौराहा कृष्णपुरी में रहने वाले आयकर विभाग के कर्मचारी विमलेश दीक्षित की मौत कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में 22 अप्रैल 2021 को हुई थी।उस समय डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर अस्पताल की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था।

इसके बाद भी उनकी मौत को लेकर पत्नी व घरवालों को भरोसा नहीं हो रहा था और वह शव लेकर दूसरे अस्पताल गए थे। वहां भी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस पर पत्नी व परिवारवाले उनका शव लेकर घर आ गए थे।घर पर पत्नी ने कई बार उनके जिंदा होने की बात कही।जिसके बाद से पत्नी उनके शव पर रोजाना गंगाजल डालकर जिंदा होने का दावा करती थी और आसपास के लोगों को पति के कोमा होने की बात बताती थी।

सत्यापन पर हुआ खुलासा : विमलेश की मृत्यु प्रमाणित न होने की वजह से पारिवारिक पेंशन का निर्धारण नहीं हो पा रहा था।जिसके चलते आयकर विभाग ने सीएमओ से जांच कराकर रिपोर्ट देने का आग्रह किया था।उनके आग्रह पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।

टीम मृतक विमलेश के घर जांच करने पहुंची तो पता चला कि विमलेश का शव घर में ही रखा हुआ है।जिसके बाद टीम ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तो पत्नी के परिजन हंगामा करने लगे और विमलेश के जिंदा होने की बात कहने लगे। जिसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम ने हैलट अस्पताल ले जाने की बात कही, तब कहीं जाकर पत्नी व परिजन माने।

क्या बोले पड़ोसी : पड़ोसियों ने कहा कि उन्हें तो यही विश्वास था कि विमलेश जिंदा हैं और कोमा में हैं।डेढ़ साल से रोजाना घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर भी लाए जाते थे। इसलिए कभी उन्हें उनकी मौत का आभास नहीं हुआ और पुलिस को भी जानकारी देना उचित नहीं समझा।

क्या बोले थाना प्रभारी : थाना प्रभारी ने बताया कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम जांच करने आई थी। इस दौरान पत्नी व अन्य सदस्य हंगामा करने लगे। इसकी जानकारी होते ही मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया गया और आसपास के लोगों से जानकारी मिली कि मृतक की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह भी बीमार चल रही है, जिसके चलते वह अपने पति को मृत नहीं मानती है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है और शव को एलएलआर अस्पताल भिजवाया गया है।
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