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Last Updated : मंगलवार, 4 अप्रैल 2023 (23:53 IST)

बंबई हाई कोर्ट का अहम फैसला, महज इसलिए बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता कि संबंध शादी तक नहीं पहुंचा

बंबई हाई कोर्ट का अहम फैसला, महज इसलिए बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता कि संबंध शादी तक नहीं पहुंचा - Important decision of Bombay High Court
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि 2 वयस्कों के बीच संबंध में खटास पैदा हो जाने या शादी में परिणत न होने मात्र से से उनमें से एक बाद में बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकता। न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने 24 मार्च को दिए अपने फैसले में बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया।
 
गौरतलब है कि एक महिला ने उस व्यक्ति के खिलाफ उपनगरीय वर्सोवा थाने में 2016 में बलात्कार का मामला दर्ज किया था। इस मामले में फैसले की प्रति इस सप्ताह उपलब्ध हो पाई थी। अदालत ने कहा है कि 2 वयस्क एकसाथ आते हैं और उनमें रिश्ते बनते हैं, ऐसी स्थिति में किसी को महज इसलिए कृत्य (बलात्कार) का दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि किसी समय दोनों के संबंध ठीक नहीं चले या किसी कारण से यह शादी में परिणत नहीं हो सका।
 
महिला (26) ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि वह सोशल मीडिया के जरिए उस व्यक्ति से मिली थी और उसने शादी का झूठा वादा करके उससे शारीरिक संबंध बनाए। बाद में उस व्यक्ति ने बेगुनाही की दलील देते हुए मामले में आरोपमुक्त किए जाने के लिए अदालत का रुख किया। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अर्जी स्वीकार करते हुए इस बात का संज्ञान लिया कि दोनों 8 साल से संबंध में थे।
 
न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि केवल इसलिए कि रिश्तों में खटास आ गई थी, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि हर मौके पर शारीरिक संबंध उनकी इच्छा के विरुद्ध बनाया गया था। फैसले में कहा गया कि शिकायतकर्ता के खुद के बयान के अनुसार उसने न केवल शादी के लिए शारीरिक संबंध बनाने की सहमति दी बल्कि इसलिए भी सहमति दी, क्योंकि वह (शिकायतकर्ता) उस व्यक्ति से प्यार करती थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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