शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. asaram bapu sentence life emprisonment
Written By
Last Modified: मंगलवार, 31 जनवरी 2023 (16:05 IST)

आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा, 2 बहनों से बलात्कार के मामले में पाए गए दोषी

Asaram Bapu
गांधीनगर। 2013 में सूरत की 2 बहनों से रेप के मामले में गांधी नगर की एक अदालत ने मंगलवार को आसाराम बापू को बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई।
 
अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को दावा किया कि आसाराम बापू आदतन अपराधी है और उसने स्वयंभू बाबा पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाने का अनुरोध किया।
 
महिला शिष्या से बलात्कार के मामले में आसाराम बापू पहले से ही जोधपुर जेल में बंद हैं। कुल 7 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें सबूत के अभाव में आसाराम को छोड़कर 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
 
आसाराम का बेटा नारायण साईं भी इस मामले में आरोपी था। मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों- ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा को भी आरोपी बनाया गया था। इन सभी को गांधीनगर कोर्ट ने बरी कर दिया था।
 
2018 में, जोधपुर की एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एक अलग यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराया और जेल की सजा सुनाई। उन्हें 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी पाया गया था।
 
उस समय 77 वर्षीय धर्मगुरु को आईपीसी की धारा 376, यौन अपराधों के तहत बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और किशोर न्याय (जेजे) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था। आसाराम को अगस्त 2013 में इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और सितंबर 2013 में जोधपुर लाया गया था।
 
अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी।
 
लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने सोमवार को कहा कि अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया और आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया।
 
भारत की रहने वाली एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ बलात्कार और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। एक आरोपी की मुकदमा लंबित रहने के दौरान मौत हो गई। जुलाई 2014 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।
ये भी पढ़ें
भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली सौम्या तिवारी की सफलता के सीक्रेट