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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 31 जनवरी 2023 (18:27 IST)

भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली सौम्या तिवारी की सफलता के सीक्रेट

भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली सौम्या तिवारी की सफलता के सीक्रेट - Secret of success of Soumya Tiwari who made India world champion
भोपाल। देश की बेटियों ने एक बार फिर दुनिया में भारत को गौरवान्वित किया है। अंडर-19 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम इग्लैंड को हराकर विश्व विजेता बनी है। भारत की जीत में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सौम्या तिवारी का अहम योगदान रहा है। फाइनल मुकाबले में सौम्या तिवारी ने नाबाद पारी खेलते हुए महत्वपूर्ण 24 रन बनाए और भारत की जीत सुनिश्चित की। सौम्या तिवारी की इस उपलब्धि पर पूरा प्रदेश गौरवन्वित महसूस कर रहा है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सौम्या तिवारी की तारीफ की है।

कोच ने मना कर दिया था-भारत को विश्व विजेता बनाने वाली सौम्या ने अपने क्रिकेट की शुरुआत घर और भोपाल की गलियों से की। सौम्या जब पहली बार ग्राउंड में प्रैक्टिस करने के लिए पहुंची थी वो अकेली लड़की थी और कोच ने उन्हें मना कर दिया लेकिन सौम्या ने हार नहीं मानी और घर से ही प्रैक्टिस शुरु की। पिता कहते हैं कि उन्होंने कभी सौम्या को खेलने से नहीं रोका और हर स्तर पर उसका सर्पोट करते रहे और आज सौम्या की सालों की गई मेहनत रंग ले आई है।  

बचपन में मुगरी से खेला क्रिकेट-अंडर-19 टीम को विश्व चैंपियन बनाने मैं अपना अहम योगदान निभाने वाली सौम्या ने शुरुआती क्रिकेट मुगरी जिससे कपड़े धोए जाते हैं उसे अपना बल्ला बनाकर खेलना शुरू किया था। सौम्या के पिता बताते है की सौम्या बचपन में टीवी पर क्रिकेट देखा करती थी और अक्सर मेरी पत्नी भारती से कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुगरी ले लेती थी और मेरी बड़ी बेटी साक्षी को कागज के गेंद बनाने और लिविंग रूम में खेलने के लिए कहती थी। वह यहां मुहल्ला क्रिकेट खेलती थी और कभी-कभी शिकायत करती थी कि लड़के उसे अपनी टीमों में शामिल नहीं करते।

मां नहीं देखती सौम्या का मैच-सौम्या की मां भारती तिवारी बताती है कि वह कभी सौम्या का मैच नहीं देखती। भारती तिवारी कहती है कि उन्होंने सौम्या का फाइनल मुकाबला भी नहीं देखा। भारती  तिवारी कहती है कि मैं मां हूं और मुझे डर लगता है, अगर कुछ सही नहीं हुआ तो मैं सौम्या का उदास चेहरा नहीं देख पाऊंगी। भारती तिवारी कहती है कि सौम्या हर मैच के बाद फोन पर उनसे बात कर अपने खेल के बारे मेंं बताती है। 

वर्ल्ड चैंपियन बनाना था सपना-अपने बल्ले से अहम योगदान देते हुए सौम्या ने अंडर-19 क्रिकेट टीम को फाइनल जिताने में अपनी अहम भूमिका निभाई, अपनी शानदार बल्लेबाजी की वजह से उन्होंने न सिर्फ देश का मान बढ़ाया बल्कि अपने परिवार वालों का सिर भी गर्व से ऊंचा कर दिया।  सौम्या के माता-पिता बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समां रहे है। पिता कहते हैं कि यह कहा कि सौम्या बचपन से ही क्रिकेट खेलने की काफी शौकीन रही और बेटी सपना था कि वह विश्वकप खेलें और फिर मैच में उसने अपनी टीम को जीत दिलाए।

मां भारती तिवारी जो बेटी की उपलब्धि पर बेहद खुश है वह कहती है कि वह हर माता-पिता से कहना चाहेगी कि बेटी जो करना चाहती है उसको करने दे, कभी रोकिए नहीं। अगर आप उसका सपोर्ट करेंगे  तो आपकी बेटी भी यहीं दिख दिखाएगी जो आज उनकी बेटी सौम्या दिखा रही है।