दिल्ली के प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, क्यों मिले किसी को भी छूट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सख्ती दिखाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऑड-ईवन (सम-विषम) आधा-अधूरा नहीं चलेगा। इसे पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ आ रही है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 पर गंभीर श्रेणी में रहा और दिल्ली में लगातार चौथे दिन जहरीली धुंध की चादर छाई रही, जिसके कारण लोग गला खराब होने, आंखों में खुजली होने, सांस लेने में समस्या होने और सूखी खांसी जैसी परेशानियों से जूझते रहे।
प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से भी सवाल किया है। अदालत ने कहा कि इसमें किसी को भी छूट नहीं दी जानी चाहिए। दिल्ली सरकार ने सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए 4 नवंबर से ऑड-ईवन का नियम लागू किया है, जो कि शुक्रवार 4 नवंबर तक चलेगा।
अवधि बढ़ाने पर फैसला सोमवार को : दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि सम-विषम योजना की अवधि बढ़ाए जाने पर अंतिम फैसला सोमवार को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि लोगों को अनावश्यक असुविधा हो। आगामी दो-तीन दिन में वायु गुणवत्ता सुधरने की उम्मीद है। योजना की अवधि बढ़ाए जाने पर अंतिम फैसला सोमवार को किया जाएगा।
केजरीवाल के मुताबिक लोगों ने योजना के क्रियान्वयन में काफी सहयोग किया। हर रोज 250 से 300 चालान काटे गए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनसंख्या के लिहाज से यह संख्या बहुत कम है। मुख्यमंत्री ने बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली को भी जिम्मेदार ठहराया।
इधर मोदी को चिट्ठी : बाल दिवस के अवसर पर कई बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर उनसे वायु प्रदूषण कम करने के उपाय करने का आग्रह किया था।