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भारत में अगले साल होगी 9.5 प्रतिशत वेतनवृद्धि, डब्ल्यूटीडब्ल्यू की रिपोर्ट में अनुमान जताया

भारत में अगले साल होगी 9.5 प्रतिशत वेतनवृद्धि, डब्ल्यूटीडब्ल्यू की रिपोर्ट में अनुमान जताया - Salary hike in India will be 9.5 percent next year
Salary hike in India: भारत में कंपनियां अपने कर्मचारियों को 2025 में 9.5 प्रतिशत वेतनवृद्धि (Salary hike) की पेशकश कर सकती हैं, जो इस साल की वास्तविक वेतनवृद्धि के बराबर ही है। नई दिल्ली में मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया। डब्ल्यूटीडब्ल्यू (WTW) की नवीनतम वेतन बजट योजना रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसत वेतनवृद्धि 2025 में 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024 की वास्तविक वेतनवृद्धि के बराबर ही है, जो इस साल 9.5 प्रतिशत रही है।ALSO READ: केंद्र सरकार का श्रमिकों को तोहफा, न्यूनतम मजदूरी में होगी बढ़ोतरी, 1 अक्‍टूबर से लागू होगा नया वेतन
 
अगले साल सर्वाधिक 10 प्रतिशत वेतनवृद्धि औषधि क्षेत्र में होने की संभावना है जबकि विनिर्माण (9.9 प्रतिशत), बीमा (9.7 प्रतिशत) और खुदरा (9.6 प्रतिशत) में भी वेतनवृद्धि औसत स्तर से अधिक होने की संभावना है। हालांकि वर्ष 2025 में सॉफ्टवेयर और कारोबार सेवा क्षेत्र में वेतनवृद्धि 9 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है, जो सामान्य उद्योग औसत 9.5 प्रतिशत से कम है।ALSO READ: मनीष सिसोदिया ने दिया सुझाव, एक शिक्षक को मिले IAS से ज्‍यादा वेतन
 
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कॉर्पोरेट जगत 9.5 प्रतिशत की वेतनवृद्धि के साथ समूचे क्षेत्र में सबसे आगे है। वियतनाम (7.6 प्रतिशत), इंडोनेशिया (6.5 प्रतिशत), फिलीपीन्स (5.6 प्रतिशत), चीन (5 प्रतिशत) और थाईलैंड (5 प्रतिशत) के भारत से पीछे ही रहने के अनुमान हैं।
 
यह रिपोर्ट डब्ल्यूटीडब्ल्यू के रिवॉर्ड्स डेटा इंटेलिजेंस द्वारा जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है। यह सर्वेक्षण अप्रैल और जून 2024 में किया गया था। दुनियाभर के 168 देशों की कंपनियों से मिलीं लगभग 32,000 प्रविष्टियों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुई है। इस सर्वेक्षण में भारत से भी 709 प्रतिभागी शामिल थे।ALSO READ: 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी
 
डब्ल्यूटीडब्ल्यू इंडिया में सलाहकार प्रमुख (कार्य एवं पारिश्रमिक) राजुल माथुर ने कहा कि भारत में कंपनियां वृद्धि को लेकर आशावादी होने के साथ सतर्कता भी दिखा रही हैं। बड़े पैमाने पर इस्तीफों का दौर अब पीछे छूट चुका है। अब नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों ही स्थिरता चाहते हैं और बाजार की धारणा उल्लेखनीय रूप से स्थिर है।
 
माथुर ने कहा कि संगठन प्रदर्शन-आधारित वेतन विभेद पर अधिक जोर दे रहे हैं। इस प्रवृत्ति के अनुसार शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को औसत प्रदर्शन वाले कर्मचारियों की तुलना में 3 गुना वेतनवृद्धि मिलने की संभावना है, जबकि औसत से बेहतर कर्मचारियों को औसत प्रदर्शन करने वालों की तुलना में लगभग 1.2 गुना वेतनवृद्धि मिलने की उम्मीद है।
 
रिपोर्ट कहती है कि लगभग 28 प्रतिशत कंपनियां अगले 12 महीनों में नई भर्तियां करने की योजना बना रही हैं। हालांकि कर्मचारियों के स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने की दर इस क्षेत्र में ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। भारत में नौकरी छोड़ने की दर 2024 में 10.8 प्रतिशत हो गई है, जो 2023 में 11 प्रतिशत थी। इसके अलावा भारत में लगभग 46 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि 2025 के लिए उनका वेतन बढ़ोतरी का बजट 2024 के समान ही होगे जबकि 28 प्रतिशत कंपनियों ने बजट अनुमान से कम होने की संभावना जताई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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