पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया। इन 2 संगठनों के साथ ही उल्फा-स्वतंत्र ने पिछले साल जुलाई में मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स के 3 जवानों की हत्या कर दी थी।
यह घटना चार जून 2018 के बाद से सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला है, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का हमला किया गया था जिसमें 18 कर्मियों की मौत हो गई थी और अन्य घायल हुए थे। सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) के कर्मी शहीद हो गए थे।
यह घटना चार जून 2018 के बाद से सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला है, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का हमला किया गया था जिसमें 18 कर्मियों की मौत हो गई थी और अन्य घायल हुए थे। सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) के कर्मी शहीद हो गए थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले पर आक्रोश जताया। शाह ने ट्वीट किया, 'मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर किए गए कायराना हमले को लेकर गुस्से में हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। पूरा देश हमारे बहादुर सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है। हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।'