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Last Updated : गुरुवार, 16 मार्च 2023 (12:46 IST)

National Vaccination Day: आज है नेशनल वैक्सीनेशन डे, क्‍या है इतिहास और इस दौर में क्‍यों जरूरी है टीकाकरण?

National Vaccination Day: आज है नेशनल वैक्सीनेशन डे, क्‍या है इतिहास और इस दौर में क्‍यों जरूरी है टीकाकरण? - National Vaccination Day being celebrated today
कोविड-19 के भयानक दौर में बचाव के साथ वैक्‍सीनेशन ही एक ऐसा उपाय था, जिसकी वजह से लाखों लोग सुरक्षित हो सके। लाखों लोगों ने उस संकट के समय में वैक्‍सीनेशन का महत्‍व देखा। बल्‍कि पूरी दुनिया में वैक्‍सीन को लेकर जागरुकता देखी गई। कई देशों ने अपनी अपनी वैक्‍सीन बनाई और नागरिकों को बचाया। वैक्‍सीनेशन में भारत की भूमिका की पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी।

बता दें कि अब भी कोविड से बचाव के लिए वैक्‍सीनेशन अभियान चल रहा है। पोलियो, चेचक जैसी बीमारियों के लिए भारत में समय-समय पर टीकाकरण अभियान चलाए जाते रहे हैं।

वैक्‍सीनेशन के महत्‍व और इसके प्रति जागरुकता को लेकर 16 मार्च को नेशनल वैक्‍सीनेशन डे (National Vaccination Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं आखिर क्‍या है वैक्‍सीनेशन डे, कैसे इसकी शुरुआत हुई और क्‍या है वैक्‍सीनेशन का महत्‍व। इस साल राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर इसकी थीम ‘टीका हर एक के लिए काम करे’ रखी गई है।

भारत में टीकाकरण अभियान
भारत में 1955 में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया गया था। इस वक्‍त में पोलियो एक समस्‍या थी, इसलिए भारत सरकार ने अधिकारिक तौर पर देश में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था। 16 मार्च 1995 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक पोलियो पहल के तौर पर भारत में मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। आपको याद होगा यह टीकाकरण अभियान ‘दो बूंद जिंदगी की’ के नाम से लोकप्रिय हुआ था।

भारत में टीकाकरण का इतिहास
भारत में टीकाकरण की शुरुआत 1802 में हुई थी। इस साल में पहली बार मुंबई की एक 3 साल की बच्ची को चेचक के टीके की पहली खुराक दी गई थी। चेचक महामारी को कम करने के लिए भारत में 1896 में अनिवार्य टीकाकरण अधिनियम पारित किया गया था। बीसवीं शताब्दी के शुरुआत में देश में कम से कम 4 टीके (चेचक, हैजा, प्लेग और टाइफाइड) उपलब्ध थे। हैजा और प्‍लेग तेजी से फैल रहे थे, उन्‍हें टीकाकरण की मदद से कंट्रोल किया जा रहा था। अगस्त 1948 में भारत ने पहला बीसीजी टीकाकरण किया। 1951 में बीसीजी टीके का व्‍यापक अभियान शुरू किया गया और 1977 में भारत को चेचक मुक्‍त घोषित कर दिया गया।

क्‍यों जरूरी है टीकाकरण?
गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination) बेहद जरूरी है। कोरोना काल में हम सबने इसके महत्‍व को देखा और जाना। जब कोई भी उपाय काम नहीं आ रहा था तो भारत समेत कई देशों ने टीका बनाकर इस पर जीत हासिल की। यह इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि वैक्सीन से शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती है। गंभीर बीमारियां जैसे चिकन पॉक्स, टेटनस, रूबेला, पोलियो और हाल ही में कोविड-19 जैसी बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद करता है।
Edited: By Navin Rangiyal
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