मोबाइलधारकों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही है सरकार
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से बैंकों से लेनदेन के लिए मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि वह दो सप्ताह के भीतर यह बताए कि उसने मौजूदा और भविष्य के मोबाइल धारकों की सही पहचान सुनिश्चित करने की आखिर क्या व्यवस्था की है।
मुख्य न्यायधीश जेएस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि बड़ी संख्या में मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल बैकिंग के लिए किया जा रहा है ऐसे में वह जानना चाहता है कि मोबाइल धारकों द्वारा उनकी पहचान से जुड़ी जानकारियों की प्रमाणिकता परखने के लिए आखिर सरकार की ओर से क्या व्यवस्था की गई है। क्योंकि यह मामला पैसे के लेने देन से जुड़ा होने के कारण काफी संवदेनशील है।
न्यायालय ने गैर सरकारी संस्था लोकनीति फाउंडेशन की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आज यह आदेश दिया। जनहित याचिका में मांग की गई है कि बैंकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबरों और उनके धारकों की सही पहचानना बहुत जरूरी है। (वार्ता)