Manipur news in hindi : मणिपुर में 'कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी' (IOCOMI) और उसकी महिला इकाई द्वारा सेना के एक बैरिकेड को हटाने के आह्वान के मद्देनजर 5 घाटी जिले में एहतियाती उपाय के तौर पर मंगलवार शाम से एक बार फिर पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच कांग्रेस ने कहा कि हिंसा का दौर 4 महीने बाद भी जारी है, लेकिन मोदी सरकार की 'डबल इंजन' सरकार के लिए मणिपुर में हालात 'सामान्य' हैं।
चूराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में (IOCOMI) और उसकी महिला इकाई द्वारा बुधवार को सभी घाटी जिलों के लोगों से सेना के एक बैरिकेड को हटाने के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट में कर्फ्यू के घंटों में दी गई ढील समाप्त कर दी गई है। इन जिलों में रोजाना सुबह पांच बजे से लेकर शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
राज्य के सूचना एवं जन संचार मंत्री सपम रंजन ने कहा, 'सरकार ने सीओसीओएमआई से 6 सितंबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर धावा बोलने की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील की है। उन्होंने सभी से सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदमों का समर्थन करने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया और अदालत जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों तथा हवाई यात्रियों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की छूट दी जाएगी।
सीओसीओएमआई के मीडिया समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा कि समिति ने पहले सरकार और संबंधित अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि अगर कुछ अप्रिय घटना होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
स्थानीय लोगों ने कहा कि फौगाकचाओ इखाई में बैरिकेड के कारण वे तोरबुंग में अपने घर नहीं जा पा रहे है, जिसे उन्होंने 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद खाली कर दिया था।
कांग्रेस का सरकार पर निशाना : कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को लेकर बुधवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के इस प्रदेश में हिंसा का दौर जारी है, लेकिन 'डबल इंजन' सरकार की नजरों में हालात सामान्य हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हो रहा है, जबकि इंफाल घाटी के सभी 5 जिले अगले 5 दिनों के लिए पूर्ण कर्फ्यू में रहेंगे। हिंसा का दौर 4 महीने बाद भी जारी है, लेकिन मोदी सरकार की 'डबल इंजन' सरकार के लिए मणिपुर में हालात 'सामान्य' हैं।'
मुख्यमंत्री के बयानों से एडिटर्स गिल्ड स्तब्ध : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा के मीडिया कवरेज को लेकर उसकी रिपोर्ट पर प्रतिक्रियास्वरूप राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N. Biren Singh) के बयान 'धमकी वाले' हैं। संस्था ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उसकी अध्यक्ष और 3 सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को वापस लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में मई की शुरुआत में जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta