टेरर फंडिंग : वटाली की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में जम्मू-कश्मीर के कारोबारी जहूर वटाली की जमानत पर शुक्रवार को स्थगनादेश जारी किया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका पर कारोबारी जहूर वटाली को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली जमानत पर रोक लगाते हुए वटाली को नोटिस जारी किया।
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख मुकर्रर करते हुए इसी अवधि में जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने एनआईए की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए कहा कि वटाली की रिहाई से 'टेरर फंडिंग' मामले की चल रही जांच गंभीर तौर पर प्रभावित हो सकती है। एनआईए का प्रतिनिधित्व एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने किया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर को वटाली को 2 लाख रुपए के निजी मुचलके और 2-2 लाख रुपए के 2 प्रतिभूतियों पर जमानत दे दी थी, लेकिन वटाली को अपना पासपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि शुरुआत में पाए गए सबूतों से यह नहीं पता चलता कि 70 वर्षीय जहूर वटाली साजिश में शामिल था। पिछले साल 17 अगस्त को एनआईए ने वटाली को गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने 2017 के कश्मीर 'टेरर फंडिंग' मामले में 12 लोगों को नामजद किया था। इनमें हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी शामिल थे। (वार्ता)