दुश्मनों के छूट जाएंगे पसीने, हावित्जर तोप की पहली खेप पहुंची भारत
नई दिल्ली। सेना का तीस साल पुराना इंतजार खत्म करते हुए अमेरिका के साथ किए गए 145 एम-777 हॉवित्ज़र तोप खरीद सौदे के तहत प्रायोगिक परीक्षण के लिए पहली ऐसी दो तोपें गुरुवार को भारत पहुंच गईं। आज ही के दिन 43 वर्ष पूर्व किए गए पहले परमाणु परीक्षण की याद में इन तोपों का परीक्षण पोखरण रेंज में किए जाने की संभावना है।
पोखरण की फायरिंग रेंज में अमेरिकी विशेषज्ञ इसका भारतीय सेना को डेमो देने के साथ जवानों को इसे चलाने का प्रशिक्षण भी देंगे। हालांकि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इनका परीक्षण जून में होना था, लेकिन मोदी सरकार ने पोखरण परीक्षण की वर्षगांठ को देखते हुए इनका परीक्षण गुरुवार को ही करने का फैसला किया।
पिछले साल नवंबर में भारत और अमेरिका के बीच इन इन तोपों की खरीद का समझौता हुआ था। पहले चरण के तहत तोपों की खरीद के लिए 2900 करोड़ रुपए चुकाए जाएंगे। अमेरिका ऐसी 25 तोपें 2021 तक भारत को दे देगा बाकी ऐसी 120 तोपें भारत में महिन्द्रा कंपनी की रक्षा उपकरण बनाने वाली इकाई में असेंबल की जांएगी।
सेना की करीब 170 रेजिमेंटो को इन तोपों से लैस करने की सरकार की योजना है। टाइटेनियम से निर्मित ये तोपें हल्के वजन की हैं जिससे इन्हें बेहद ऊंचाई वाले मोर्चों यानी कि 16 हजार फुट की ऊंचाई पर लद्दाख और चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया जा सकता है।
इन तोपों से भारतीय सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को लैस किया जाएगा। ये तोपें 30 से 40 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता वाली हैं। फिलहाल अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इराक और अफगानिस्तान में इन तोपों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है। (वार्ता)