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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 11 जुलाई 2024 (19:49 IST)

सट्टेबाजी और जुआ कंपनियां बनीं आतंकवाद के वित्त पोषण का माध्यम, SASTRA रिपोर्ट में हुआ खुलासा

सट्टेबाजी और जुआ कंपनियां बनीं आतंकवाद के वित्त पोषण का माध्यम, SASTRA रिपोर्ट में हुआ खुलासा - Disclosure in the report regarding financing of terrorism
Disclosure in the report regarding financing of terrorism : अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली कंपनियां धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए माध्यम का काम करती हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी नियम 2021 ‘ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग’ और अवैध सट्टेबाजी तथा जुए की प्रथाओं के बीच अंतर करता है। हालांकि इसके साथ ही रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय कानून का अनुपालन करने वाले वैध ऑनलाइन गेमिंग मंचों को श्वेत सूची में डालने के लिए एक पंजीकरण तंत्र की जरूरत है।
 
सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ (एसएएसटीआरए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध ऑनलाइन जुए तथा सट्टेबाजी से भारतीय नागरिकों के साइबर सुरक्षा हमलों और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। वे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बनकर उभरे हैं क्योंकि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली वेबसाइट धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए माध्यम के रूप में काम करती हैं।
इसमें कहा गया कि वर्तमान कानूनी तथा नियामकीय ढांचा वैध व गैरकानूनी गतिविधियों के बीच पर्याप्त अंतर नहीं करता, जिसके कारण अवैध मंच अक्सर धनशोधन सहित अतिरिक्त अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत में सट्टेबाजी और जुए के बाजार का आकार या इन गतिविधियों से उत्पन्न राजस्व का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।
 
हालांकि इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स सिक्योरिटी की 2017 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि भारत में अवैध सट्टेबाजी और जुआ बाजार करीब 150 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 10 लाख करोड़ रुपए का है। रिपोर्ट में सरकार से ऑनलाइन गेमिंग बिचौलियों के लिए आईटी नियम 2021 को लागू करने की सिफारिश की गई है ताकि वैध ऑनलाइन गेमिंग तथा सट्टेबाजी व जुए के बीच कानून में अंतर उत्पन्न किया जा सके।
 
अवैध जुआ ऐप सुरक्षा के लिए खतरा : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया है। रिपोर्ट में वित्त पर संसद की स्थाई समिति की 59वीं रिपोर्ट का उल्लेख भी किया गया जिसमें कहा गया था कि अवैध जुआ ऐप सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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