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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 5 अक्टूबर 2025 (09:31 IST)

बच्चों को कफ सीरप लिखने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, इन राज्यों में बैन हुआ Coldrif

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सीरप से मौत पर बवाल, कफ सीरप लिखने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, कई राज्यों में बैन हुई दवा।

coldrif
Coldrif Cough syrup news : मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से 14 बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। कोल्ड्रिफ कफ सीरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा अधिक होने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। ALSO READ: दवा में मिला जहर, Coldrif कफ सीरप पर मध्यप्रदेश में भी लगा बैन
 
कफ सीरप बनाने वाली कंपनी के संचालकों के साथ ही दवा लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ छिंदवाड़ा के परासिया थाने में ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(A), बीएनएस की धारा 105 और 276 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके बाद डॉक्टर सोनी की गिरफ्तारी भी हो गई।

जान बचाने वाली दवा क्यों बनी जहर : तमिलनाडु सरकार द्वारा कराई गई जांच में पता चला कि कोल्ड्रिफ सिरप के बैच SR-13 में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल मिला हुआ है। यह निर्धारित सीमा 0.1 प्रतिशत से काफी अधिक है। वहां तुरंत अलर्ट जारी हुआ, उत्पादन रोका गया और रिटेल और थोक स्टॉक को सीज किया गया। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसका सीधा असर पेट पर पड़ता है। किडनी में क्रिस्टल बनने से किडनी फैल होने का खतरा भी बढ़ जाता है। 
 
इन राज्यों में बैन हुई कोल्ड्रिफ : कोल्ड्रिफ में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा ज्यादा होने की पुष्‍टि होने के बाद मध्यप्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में इसकी ब्रिकी रोक दी गई। इसके बाद केरल, दिल्ली और झारखंड में भी इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी इस मामले में सतर्कता बरती जा रही है।

बच्चों के लिए जरूरी नहीं है कफ सीरप : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डीजीएचएस (DGHS) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ज्यादातर बच्चों में खांसी-जुकाम अपने आप ठीक हो जाते हैं और इसके लिए दवा की जरूरत नहीं होती। 
 
स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया कि माता-पिता खास इस बात का ध्यान रखें कि अगर बच्चा 2 साल से कम है तो उसे खांसी-जुकाम की दवा बिलकुल न दी जाए। इसके लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। वहीं 5 साल से छोटे बच्चों को भी ये दवाएं आमतौर पर नहीं दी जाती है। 5 साल से ऊपर के बच्चों को दवा तभी दी जाए जब डॉक्टर क्लिनिकल जांच करके जरूरी समझें।ALSO READ: कफ सिरप को लेकर केंद्र सरकार हुई सख्‍त, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, कई बच्चों की हुई मौत
 
एक्शन में केंद्र सरकार : कफ सीरप मामले में आज स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी बैठक। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और ड्रग कंट्रोलर शामिल होंगे। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भी मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से मौत की खबरों के बाद 6 राज्यों में कफ सीरप और एंटीबायोटिक दवाएं बनाने वाली 19 कंपनियों के प्लांट में 3 अक्टूबर से निरीक्षण शुरू किया है।
edited by : Nrapendra Gupta 
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