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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 21 अगस्त 2025 (12:31 IST)

रैपिडो पर क्यों लगा 10 लाख का जुर्माना, ग्राहकों को भी मिलेगा पैसा

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Fine on Rapido : केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए ऑनलाइन वाहन सेवा मंच रैपिडो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीपीए ने रैपिडो को उन ग्राहकों को पैसे देने का निर्देश भी दिया है जिन्होंने कंपनी के '5 मिनट में ऑटो या फिर पाएं 50 रुपए' ऑफर का इस्तेमाल किया था, लेकिन उन्हें यह राशि मिली नहीं।
 
नियामक ने रैपिडो के विज्ञापनों की जांच के बाद यह कार्रवाई की जिसमें '5 मिनट में ऑटो या 50 रुपए पाएं' और 'गारंटीड ऑटो' का वादा किया गया था। उसने पाया कि ये विज्ञापन झूठे एवं उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले हैं।
 
राष्ट्रीय उपभोक्ता ‘हेल्पलाइन’ के आंकड़ों से पता चला है कि जून 2024 और जुलाई 2025 के बीच रैपिडो के खिलाफ शिकायतों की संख्या बढ़कर 1,224 हो गई, जबकि उससे पिछले 14 महीने की अवधि में यह संख्या 575 थी।
 
सीसीपीए की जांच से पता चला कि रैपिडो के विज्ञापनों में ‘डिस्क्लेमर’ बेहद छोटे या ऐसी शैली में प्रदर्शित किए गए थे कि उन्हें पढ़ पाना बेहद मुश्किल था। 50 रुपए के लाभ का वादा वास्तविक मुद्रा नहीं, बल्कि 50 रुपये तक मूल्य के रैपिडो सिक्के थे जिनका उपयोग केवल मोटरसाइकिल की सवारी के लिए किया जा सकता था। साथ ही इनकी समय सीमा सात दिन के भीतर समाप्त हो जाती थी।
 
प्राधिकरण ने पाया कि विज्ञापनों में गारंटी का दावा प्रमुखता से किया गया था, लेकिन नियम व शर्तों में कहा गया था कि आश्वासन व्यक्तिगत चालकों द्वारा दिया गया था, न कि रैपिडो द्वारा। यह कंपनी से दायित्व हटाने का प्रयास था।
 
सीसीपीए ने कहा कि रैपिडो ने अपने विज्ञापनों में महत्वपूर्ण शर्तों एवं समय सीमाओं को इस तरह से छिपा दिया था कि वे मुख्य दावे के बराबर प्रमुखता से दिखाई नहीं दे रहे थे।
 
रैपिडो 120 से अधिक शहरों में काम करता है और इसने कई क्षेत्रीय भाषाओं में लगभग 548 दिन तक भ्रामक अभियान चलाया। उपभोक्ताओं की कई शिकायतें सेवा में कमियों, ‘रिफंड’ न मिलने, अधिक पैसे वसूलने और वादा की गई सेवाएं न देने से जुड़ी हैं। अधिकतर शिकायतों का, कंपनी के साथ साझा किए जाने के बावजूद निपटारा नहीं हो पाया। प्राधिकरण ने रैपिडो को भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद करने का आदेश दिया है। (भाषा)
edited by : Nrapendra Gupta 
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