New York Mayor Zohran Mamdani: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना के बीच न्यूयॉर्क शहर के नवनिर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी ने विजय भाषण में उन्हें खरी-खोटी सुनाई। युगांडा में जन्मे इस भारतीय मूल के मुस्लिम नेता ने ट्रंप के हमलों को 'आवाज तेज करने' का मौका बताते हुए कहा कि "वॉल्यूम ऊपर करो!" यह बयान न केवल ट्रंप की राजनीतिक रणनीति पर प्रहार था, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र में अल्पसंख्यक आवाज की ताकत का प्रतीक भी।
ममदानी, जो 2018 में अमेरिकी नागरिक बने, ने अपनी जीत को 'आशा की जीत' करार दिया और शहर को ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रतिरोध का केंद्र बनाने का वादा किया। जोहरान का सफर किसी सिनेमा की कहानी जैसा है। 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा की राजधानी कंपाला में पैदा हुए ममदानी के पिता महमूद ममदानी युगांडा के प्रसिद्ध अकादमिक हैं, जिनकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं।
उनकी मां मीरा नायर विश्वविख्यात भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जिनकी फिल्में जैसे 'सालाम बॉम्बे' और 'मॉनसून वेडिंग' ने वैश्विक पटल पर भारतीय संस्कृति को नई पहचान दी। सात साल की उम्र में परिवार के साथ न्यूयॉर्क आकर बसने वाले ममदानी ने क्वींस के जेसन हाईस्कूल से शिक्षा प्राप्त की और क्वींस कॉलेज से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की।
रैपर के रूप में सक्रिय रह चुके हैं : एक समय रैपर के रूप में सक्रिय रह चुके ममदानी ने 'लिल' डिक्टेटर' नाम से गाने रिकॉर्ड किए, लेकिन जल्द ही सामाजिक न्याय की राह पकड़ ली। 2018 में अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने के बाद ममदानी ने राजनीति में कदम रखा। उसी साल वे न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए, जहां उन्होंने डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के रूप में काम किया।
आवास संकट, जलवायु परिवर्तन और नस्लीय न्याय जैसे मुद्दों पर उनकी मुखरता ने उन्हें युवाओं और अल्पसंख्यकों में लोकप्रिय बनाया। 2025 के न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में वे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर उतरे, जहां उनका मुकाबला पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो से था। कुओमो को ट्रंप का खुला समर्थन मिला था, जो चुनावी रणनीति का हिस्सा था।
ट्रंप ने चुनाव से ठीक पहले ममदानी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो यहूदी मतदाता ममदानी का समर्थन करेंगे, वे 'इजराइल से नफरत करने वाले' हैं। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, 'किसी भी यहूदी व्यक्ति का ममदानी को वोट देना मतलब है कि वे अमेरिका को धोखा दे रहे हैं।' यह बयान न केवल ममदानी की मुस्लिम पहचान को निशाना बनाता था, बल्कि न्यूयॉर्क के विविधतापूर्ण मतदाता आधार को भी भड़काने की कोशिश थी। लेकिन ममदानी ने इसे उल्टा पड़ने दिया। मतगणना के नतीजों में उन्हें भारी बहुमत मिला, और वे शहर के पहले मुस्लिम मेयर, पहले अफ्रीका में जन्मे मेयर और पहले भारतीय मूल के मेयर बन गए।
4 नवंबर को आयोजित विजय समारोह में ममदानी ने ट्रंप को सीधे संबोधित किया। "ट्रंप साहब, आपकी आवाज़ सुनाई दे रही है, लेकिन न्यूयॉर्क की आवाज़ और तेज़ होगी। वॉल्यूम ऊपर करो!" उन्होंने चिल्लाया, जिस पर सभागार में तालियां गड़गड़ाईं। भाषण में उन्होंने ट्रंप की नीतियों—जैसे ऊर्जा लागत बढ़ाना और अपराध दर को लेकर झूठे दावे—का खंडन किया।
ममदानी ने कहा कि यह जीत अरबपतियों और राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ है। न्यूयॉर्क शहर ट्रंप विरोध का नेतृत्व करेगा। उन्होंने शहर-स्वामित्व वाली किराना दुकानों और मुफ्त बस यात्रा जैसे वादों को दोहराया, जो उनकी वामपंथी एजेंडे का हिस्सा हैं।
अमेरिकी राजनीति में एक मोड़ : ममदानी की यह जीत अमेरिकी राजनीति में एक मोड़ है। ट्रंप की दूसरी पारी में, जहां वे संघीय स्तर पर मजबूत पकड़ बना रहे हैं, ममदानी जैसी युवा, विविधता-प्रधान नेतृत्व स्थानीय स्तर पर चुनौती पेश कर रहा है। व्हाइट हाउस ने ममदानी के बयानों को 'अनिरंतर' बताया, खासकर जब उन्होंने ट्रंप को न्यू जर्सी में मतदान केंद्रों पर बम धमकियों से जोड़ा। लेकिन ममदानी के समर्थक इसे 'ट्रंप का सबसे बुरा सपना' कह रहे हैं।
ममदानी की कहानी भारतीय डायस्पोरा के लिए प्रेरणा है। युगांडा के इदी अमीन शासन के दौरान भारतीयों के विस्थापन की पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले वे अमेरिकी सपने का जीवंत उदाहरण हैं। 2018 की नागरिकता उनके लिए नया अध्याय था, जो अब पूरे शहर का नेतृत्व करने जा रहा है। जैसा कि उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क ने आशा चुनी है, नफरत नहीं। ट्रंप की 'हार का दर्द' भरा सोशल मीडिया पोस्ट— "और यहीं से शुरू होता है!"— शायद इसकी शुरुआत ही है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala