Encounter Specialist DSP Rishikant Shukla : खाकी वर्दी की आड़ में अकूत काली दौलत जमा करने वाले डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को आय से अधिक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध संपत्ति के गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया गया है। विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट में उनके जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश दुबे से गहरे संबंधों का पर्दाफाश हुआ है। दुबे का गिरोह रियल एस्टेट में साइलेंट पार्टनर के रूप में सक्रिय था और शुक्ला इसके 'प्रोटेक्टर' बने। यह खुलासा तब और गहरा हो गया जब समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दुबे का नाम लेकर भाजपा को घेरा था। ऋषिकांत शुक्ला के मामले की जांच का जिम्मा आईपीएस रमित शर्मा को दिया गया है।
खबरों के अनुसार, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को आय से अधिक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध संपत्ति के गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया गया है। विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट में उनके जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश दुबे से गहरे संबंधों का पर्दाफाश हुआ है। दुबे का गिरोह रियल एस्टेट में साइलेंट पार्टनर के रूप में सक्रिय था और शुक्ला इसके 'प्रोटेक्टर' बने। यह खुलासा तब और गहरा हो गया जब समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दुबे का नाम लेकर भाजपा को घेरा था।
ऋषिकांत शुक्ला के मामले की जांच का जिम्मा आईपीएस रमित शर्मा को दिया गया है। रमित शर्मा वही पुलिस अफसर हैं, जिनके नेतृत्व में माफिया अतीक अहमद अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर हुआ था। साल 2022 में प्रयागराज जैसी अहम और बड़ी कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर रह चुके आईपीएस शर्मा इस समय बरेली जोन के एडीजी हैं।
ऋषिकांत शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अधिकतम समय कानपुर में ही काटा। उन्होंने एसओजी के माध्यम से करोड़ों रुपए कमाए। उन्होंने कई बेनामी संपत्तियां बना रखी हैं। यूपी के अलग-अलग जिलों में भी कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। गोवा से लेकर पंजाब, चंडीगढ़ और कई जगह संपत्तियां हैं।
एसआईटी की जांच में पता चला कि शुक्ला ने पुलिस एनकाउंटर का डर दिखाकर लोगों की संपत्ति हड़पी और अपनी काली कमाई का साम्राज्य खड़ा कर दिया। एसआईटी ने पाया कि शुक्ला ने स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) के जरिए गैंगस्टर दुबे की मदद से कई लोगों को ठगा।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्ला ने ये संपत्तियां उनके नाम, परिवार और करीबियों के नाम पर बेनामी तरीके से खड़ी की। कुल संपत्ति का अनुमान 100 करोड़ से ऊपर है, जबकि कुछ रिपोर्टों में इसे 200-300 करोड़ तक बताया गया है। विजिलेंस टीम अब करीबियों की संपत्तियों, बिलों और ट्रांजेक्शंस की छानबीन कर रही है। योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से उन्हें पद से हटा दिया और सतर्कता (विजिलेंस) विभाग को गहन जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
आरोपों पर ऋषिकांत शुक्ला ने दी यह सफाई : उत्तर प्रदेश पुलिस में डीएसपी रहे ऋषिकांत शुक्ला ने निलंबन के बाद सफाई जारी की है। उनका दावा है कि उन्हें फंसाया गया है। उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है। एक बयान में शुक्ला ने कहा कि मेरी अखिलेश दुबे से एक लीगल एडवाइजर और पुलिस अधिकारी के संबंध है।
शुक्ला ने कहा, मैं उनसे जब भी कोई टेक्निकल मामला होता था इस संबंध में मैं उनसे कुछ लीगल एडवाइस के लिए जाता था और कानपुर की पोस्टिंग के दौरान और मेरी उनसे कई बातचीत भी हुई। मेरा अखिलेश दुबे के साथ कोई कंस्ट्रक्शन कंपनी थी, उसमें 100 करोड़ टर्नओवर है, यह सरासर गलत है।
ऋषिकांत शुक्ला ने कहा, मुझे लगता है कुछ अपराधी गैंग, माफिया गैंग, कुछ ऐसे लोग जिनके विरुद्ध मैंने कड़ी कार्रवाई की है, हो सकता है कि मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हों और उस साजिश का मैं शिकार हो रहा हूं।
Edited By : Chetan Gour