कांग्रेस नेता चौधरी बोले- जल्द हल हो मणिपुर का मामला, देश की सुरक्षा के लिए हो सकती है समस्या
Manipur news : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को कहा कि अगर मणिपुर में जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया जाता है, तो इससे देश के लिए सुरक्षा समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के सांसदों ने मणिपुर का दौरा करने के बाद राज भवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें पूर्वोत्तर राज्य के मौजूदा हालात पर एक ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि राज्यपाल ने हमारी बातें सुनीं और उन पर सहमति जताई। उन्होंने हिंसा की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया और कहा कि समुदायों के बीच अविश्वास खत्म करने के लिए सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को लोगों से बातचीत करने के वास्ते मणिपुर का दौरा करना चाहिए।
अधीर ने बताया कि सांसदों ने मणिपुर में जो स्थिति देखी, उसके बारे में संसद में एक रिपोर्ट पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने हर दिन बिगड़ते हालात के बीच संसद में मणिपुर पर चर्चा का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में राशन और दवाई सब बंद है। छात्रों की पढ़ाई बंद हो चुकी है। हम सदन में सरकार पर दबाव बनाएंगे। केंद्र व राज्य सरकार की खामियों और जनता की शिकायतों को सदन में रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष दलों के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधमंडल जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार को मणिपुर पहुंचा था और उसने राज्य में लगभग 3 महीने से जारी जातीय संघर्ष के पीड़ितों से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में कौन कौन शामिल : इस प्रतिनिधिमंडल में अधीर और लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं।
क्या है मामला : मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta