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Last Updated :इंफाल , शनिवार, 29 जुलाई 2023 (16:44 IST)

Manipur Conflict: मणिपुर संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालें : अधीर रंजन चौधरी

Adhir Ranjan Chaudhary
Manipur Conflict: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने यहां शनिवार को कहा कि मणिपुर (Manipur) में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सभी दलों को एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करनी होगी। विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (India) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के 2 दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचा।
 
विपक्षी दलों के सांसदों का दल 3 मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेगा। चौधरी ने कहा कि हम यहां जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने और समस्या को समझने के लिए आए हैं। हम चाहते हैं कि यह हिंसा जल्द से जल्द समाप्त हो और शांति बहाल हो। मणिपुर में जो हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख रही है।
 
उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा ने मणिपुर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पूरे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है। हमें शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। हम यहां कोई राजनीति करने नहीं आए। सांसद दिल्ली से विमान के जरिए मणिपुर पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचने के बाद चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने गया, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
 
प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए। इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया और हेलीकॉप्टर उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाएगा।
 
मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के एक सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य सांसदों की एक टीम पहले चुराचांदपुर पहुंचेगी तथा चुराचांदपुर कॉलेज के लड़कों के छात्रावास में स्थापित एक राहत शिविर का दौरा करेगी।
 
सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य सांसदों की एक टीम चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि इंफाल लौटने के बाद चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मेइती समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक अन्य राहत शिविर में जाएगी।
 
विपक्षी सांसदों की दूसरी टीम इंफाल पूर्वी जिले के अकंपत में 'आइडियल गर्ल्स कॉलेज' राहत शिविर जाएगी और इंफाल पश्चिमी जिले के लेम्बोइखोंगांगखोंग में एक अन्य शिविर का दौरा करेगी। एमपीसीसी के अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह राजभवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मिलेगा और मणिपुर की मौजूदा स्थिति एवं शांति बहाल करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर बात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल के रविवार दोपहर तक दिल्ली लौटने की संभावना है।
 
दौरे से पहल लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एए रहीम भी शामिल हैं।
 
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं, वहीं नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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