• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. centre writes letter to states and uts complete security arrangements in hospitals
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (23:07 IST)

अस्पतालों में सुरक्षा के किए जाएं पूरे इंतजाम, 10 सितंबर तक दें रिपोर्ट', केंद्र ने राज्यों और UT को लिखा पत्र

अस्पतालों में सुरक्षा के किए जाएं पूरे इंतजाम, 10 सितंबर तक दें रिपोर्ट', केंद्र ने राज्यों और UT को लिखा पत्र - centre writes letter to states and uts complete security arrangements in hospitals
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चिकित्सा संस्थानों में लागू किए गए तत्काल और अल्पकालिक सुरक्षा उपायों को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट देने का आग्रह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने 28 अगस्त को डिजिटल तौर पर हुए सम्मेलन का हवाला देते हुए मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (DGP) को पत्र भेजा है।
इस पत्र में सम्मेलन के दौरान जिन प्रमुख सुरक्षा उपायों पर चर्चा हुई उनका जिक्र किया गया है तथा 10 सितंबर से पहले इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है।
 
डिजिटल सम्मेलन में जिन सुरक्षा उपायों के बारे में चर्चा की गई है, उनमें उच्च जोखिम वाले संस्थानों की पहचान करना शामिल है। इन संस्थानों को सर्वाधिक प्राथमिकता देते हुए यहां सर्वप्रथम सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। उच्च जोखिम वाले संस्थानों के तहत प्रत्येक क्षेत्र या जिले में ऐसे अस्पतालों को चिह्नित करना शामिल है, जहां सबसे ज्यादा मरीज आते हैं।
 
इसके अलावा केंद्र ने सुरक्षा उपायों का आकलन और सुधार करने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के परामर्श से सुरक्षा ऑडिट करने पर जोर दिया है और सुरक्षा उल्लंघन की अधिक घटनाओं वाले क्षेत्रों जैसे आपातकालीन कक्ष, गहन चिकित्सा विभाग (आईसीयू) और प्रसव कक्षों पर खासतौर पर ध्यान देने के लिए कहा है।
 
चंद्रा ने बैठक में राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे चिकित्सा संस्थानों के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से इनकी नियमित निगरानी की जाएगी।
 
बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किसी भी अप्रिय घटना के वीडियो फुटेज को स्थानीय पुलिस को तुरंत साझा करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने पर भी चर्चा हुई, जिससे इन मामलों में तेजी से जांच हो सके। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों को तकनीकी रूप से कुशल बनाने और उन्हें प्रशिक्षित करने तथा अस्पतालों के चिन्हित किये गये उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों के तौर पर पूर्व सैनिकों को तैनात करने पर भी चर्चा की गई है।
पत्र में अस्पतालों में रेजिडेंट चिकित्सकों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक आंतरिक सुरक्षा समिति के गठन की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। साथ ही ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित करने और अस्पतालों में कार्यरत सभी बाहरी कर्मियों और संविदा कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए भी कहा गया है।
चंद्रा ने पत्र में कहा कि 'बैठक में अधिकांश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने सूचित किया है कि पत्र में दिए गए सुझावों के अनुसार विभिन्न कार्रवाई पहले ही शुरू कर दी गई है। यह भी जानकर खुशी हुई कि कुछ राज्यों ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए गए उपायों के अलावा अतिरिक्त उपाय भी किए हैं। इस संबंध में, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध है कि वे पहले से शुरू किए गए तत्काल/अल्पकालिक सुधारात्मक उपायों के साथ-साथ 10 सितंबर, 2024 से पहले की गई उचित कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें। इनपुट भाषा 
ये भी पढ़ें
हरियाणा विधानसभा चुनाव : उचाना से चुनाव लड़ेंगे दुष्यंत चौटाला, जजपा-एएसपी की पहली सूची जारी