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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (00:13 IST)

किराए के 1500 करोड़ रुपए बचेंगे', कर्तव्य भवन के उद्‍घाटन पर बोले PM मोदी

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा शासन मॉडल देखा है जो पारदर्शी, संवेदनशील और नागरिक-केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्तव्य भवन राष्ट्र के सपनों को पूरा करने के संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि साझा केंद्रीय सचिवालय के 10 भवनों के निर्माण के बाद केंद्र सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपए का किराया बचेगा।
कर्तव्य भवन का उद्घाटन करने के कुछ घंटों बाद कर्तव्य पथ पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह परियोजना अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतीक है। कर्तव्य भवन प्रस्तावित दस साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से पहला है। उन्होंने कहा कि कर्तव्य भवन विकसित भारत की नीतियों और दिशा का मार्गदर्शन करेगा तथा देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय यहीं से लिए जाएंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कर्तव्य भवन का इस्तेमाल देश को गरीबी से मुक्ति दिलाने में मदद के लिए करेगी और विकसित भारत के दृष्टिकोण को भी साकार करेगी। उन्होंने कहा कि कर्तव्य सिर्फ एक इमारत का नाम नहीं है, यह लाखों देशवासियों के सपनों को साकार करने की पवित्र भूमि है।
 
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आगामी केंद्रीय सचिवालय भवन के पहले भवन के उद्घाटन के कुछ ही घंटों बाद, कर्तव्य पथ पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कर्तव्य भवन के निर्माण में लगे निर्माण श्रमिक भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि दशकों तक सरकार की प्रशासनिक मशीनरी ब्रिटिशकालीन इमारतों से कार्य करती रही, जहां काम करने की स्थिति खराब थी और जगह, रोशनी और हवा आने-जाने की कमी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत की सफलता की गाथा लिखने के लिए मिलकर काम करना होगा। हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम अपनी और देश की उत्पादकता बढ़ाएं।"
 
मोदी ने कहा कि यह आत्मनिरीक्षण का भी क्षण है, क्योंकि भारत उस गति से विकास नहीं कर सका जिस गति से कई अन्य देश, जिन्हें उसी समय स्वतंत्रता मिली, आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम वर्तमान समस्याओं को आने वाली पीढ़ियों के लिए न छोड़ें।
 
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने एक ऐसा शासन मॉडल तैयार किया है जो पारदर्शी, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित है।
 
कर्तव्य भवन-तीन इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के दफ्तर और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा। सरकार की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) के तहत 10 इमारतों के निर्माण की योजना है।
 
निर्माणाधीन भवनों में से भवन संख्या-एक और दो के कार्य अगले माह तक पूरे होने की उम्मीद है, जबकि भवन संख्या 10 का निर्माण कार्य अगले वर्ष अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। सीसीएस भवन संख्या छह और सात का कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी देश की प्रशासनिक मशीनरी ब्रिटिश काल में बनी इमारतों से ही चलती रही। प्रधानमंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय आवश्यक संसाधनों और सुविधाओं के अभाव के बावजूद एक सदी से भी अधिक समय से इसी इमारत से काम कर रहा है। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma