• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 1.6 lakh crore additional revenue expected from excise duty hike on petrol, diesel
Written By
Last Modified: बुधवार, 6 मई 2020 (16:11 IST)

पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क वृद्धि से 1.6 लाख करोड़ अतिरिक्त राजस्व की संभावना

पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क वृद्धि से 1.6 लाख करोड़ अतिरिक्त राजस्व की संभावना - 1.6 lakh crore additional revenue expected from excise duty hike on petrol, diesel
नई दिल्ली। नकदी संकट से जूझ रही केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से चालू वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। इससे सरकार को कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 संकट के चलते लॉकडाउन (बंद) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।

मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गई हैं। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है।

औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक, दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के बराबर उपभोग होने पर इससे सरकार को 1.7 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।

हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए बंद के चलते ईंधन के उपभोग में कमी आई है, क्योंकि लोगों की आवाजाही पर रोक है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के बचे 11 महीनों में इस शुल्क बढ़ोतरी से होने वाली अतिरिक्त आय 1.6 लाख करोड़ रुपए रह सकती है।

इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर तीन-तीन रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था।सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखा है। सरकार के इस कदम से उत्पाद शुल्क के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के चलते उनके द्वारा कमाया गया लाभ गिर सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि सामान्य तौर पर पेट्रोल-डीजल पर कर की दर बदलने का सीधा असर ग्राहक पर पड़ता है और इसकी कीमतों में फेरबदल होता है, लेकिन 14 मार्च को उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी के बावजूद ईंधन की कीमतें स्थिर रहीं। इस बढ़े हुए शुल्क को कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरने से हुए लाभ से बदल लिया गया। ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 18 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थी जो 1999 के बाद का सबसे निचला स्तर था।

इस बारे में रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट वित्त पोषण) ने कहा कि भारत सरकार के पेट्रोल पर 21 डॉलर प्रति बैरल और डीजल पर 27 डॉलर प्रति बैरल कर बढ़ाने से सरकार को 21 अरब डॉलर का राजस्व मिलेगा, यदि सालभर इस शुल्क बढ़ोतरी को बरकरार रखा जाता है तो। (भाषा)
ये भी पढ़ें
देशभर में 548 डॉक्टर, नर्स, पराचिकित्सक कोविड-19 से संक्रमित