भोपाल-इंदौर को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने का एक्ट विधानसभा से पास, बोले CM मोहन यादव, जेट की गति से विकसित हो रहा इंदौर
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट यानि मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 पास हो गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर और भोपाल के आसपास के क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इंदौर का विकास जेट की गति से हो रहा है। इंदौर से साथ देवास, धार और उन्जैन भी डेवलप होंगे। उन्होंने कहा कि मास्टरप्लान में रहवासी इलाकोंके साथ इंडस्ट्रियल क्षेत्र को प्राथमिकता होना चाहिए। सरकार की प्राथमिकता इंडस्ट्रियल बेल्ट तय करने की है। इंडस्ट्रियल क्षेत्र बढ़ेगा तो सबका विकास होगा। इसमें MSME के उद्योग के साथ लघु उद्योगों को भी प्राथमिकता मिलेगी। सरकार ने तय किया है कि रोजगार परक उद्योग लगाएंगे। औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाली महिला श्रमिकों को प्रति लेबर 6 हजार रुपए और भाई को 5 हजार रुपए महीने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उद्योगों के लिए सरलीकरण व्यवस्था की है। सरकार ने तय किया है कि जो कच्चा माल मध्यप्रदेश से बाहर जाता है उसका उपयोग करने वाले उद्योग मध्यप्रदेश में लगाए जाए जिससे प्रदेश के कच्चे माल का उपयोग प्रदेश मे हो सकते है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को रोजगारपरक उद्योग में बड़ी पूंजी लगाने पर फायदा होगा। सरकार सभी अनुपयोगी पुराने कानून खत्म करेगी पहले उद्योग लगाने के लिए 29 परमिशन लगती थी अब उसको हम 10 पर ले आए। निवेशकों को प्रदेश में लाने के लिए रीजनल इंड्रस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की गई है। उद्योगपति की बात हमारे जनप्रतिनिधि सुनते है और उनको भी अनुभव होता है। फरवरी में भोपाल की GIS ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है।
क्या है मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट?-भोपाल और इंदौर मेट्रोपोलिटन सिटी के विकास के लिए मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 लाया गया है। जिसके तहत भोपाल रीजन में भोपाल, सीहोर, रायेसन, विदिशा और राजगढ़ तो इंदौर, उज्जैन, देवास और धार को मिलाकर इंदौर मेट्रोपॉलिटन बनाएंगे। इसमें मेट्रोपॉलिटन एरिया बनाने के लिए महानगर क्षेत्र और महानगर नियोजन समिति, मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी, इसकी कार्यकारी समिति, महानगर विकास एवं विशेष योजना और एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण के गठन संबंधी प्रावधान किए गए हैं।
अथॉरिटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे। तीन विभाग नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व के मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। मुख्य सचिव सदस्य होंगे। अथॉरिटी के काम का क्रियान्वयन करने कार्यकारी समिति बनेगी। इसके अध्यक्ष महानगर आयुक्त होंगे। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के गठन के बाद विकास अनुमति देने के अधिकार उसी के पास होंगे। एरिया डेवलपमेंट प्लान और टीडीएस के क्षेत्र में विकास अनुज्ञा भी अथॉरिटी देगी। शासकीय विभागों को भी निर्माण करना होगा तो अथॉरिटी को सूचना देनी होगी। आपत्ति होने पर अथॉरिटी इसे वापस भी कर सकेगी। निजी प्रोजेक्ट के लिए भी विकास अनुज्ञा अथॉरिटी के महानगर आयुक्त देंगे। विकास अनुज्ञा न मिलने पर अपील का प्रावधान है। स्थानीयस्तर पर भवन अनुज्ञा स्थानीय निकाय जारी करते रहेंगे।