MP में फिर चढ़ा सियासी पारा, CM शिवराज सिंह ने 19 फरवरी को मंत्रियों को भोपाल बुलाया, क्या होने वाला है बड़ा बदलाव?
भोपाल। चुनावी वर्ष में मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मियां फिर तेज हो गईं है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने 19 फरवरी को सभी मंत्रियों को भोपाल में रहने के निर्देश दिए हैं। इससे राजनीतिक हलकों में चर्चाओं बाजार गर्म हो गया है। क्या प्रदेश में चुनावों से पहले कोई बड़ा बदलाव होने वाला है?
मोहन भागवत से की थी मुलाकात : बुधवार सुबह मुख्यमंत्री ने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। शिवराज सरकार के सभी मंत्री और विधायक फिलहाल विकास यात्रा में व्यस्त हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज के मंत्रियों को भोपाल बुलाने के फैसले को मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तो लंबे समय से चल रही हैं। लेकिन अब तक विस्तार हुआ नहीं है। फिलहाल शिवराज सरकार में चार मंत्रियों की जगह खाली है। ऐसे में माना जा रहा है कि कुछ नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि यह मंत्रियों को किस लिए भोपाल बुलाया गया है। इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बदले हुए हैं सीएम के तेवर : चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज को बदलने की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में तेज थीं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। वे मंच पर जनता से जुड़ने के साथ ही अधिकारियों को फटकार लगाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
सिंधिया के कारण बना मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार रीवा में नए एयरपोर्ट का शिलान्यास करते हुए कहा था कि इस टर्म में वे ज्योतिरादित्य सिंधिया की बदौलत ही मुख्यमंत्री बने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा दिखाकर मध्यप्रदेश में सरकार बनाई थी लेकिन बाद में उनको भूल गई। उनकी जगह दादा (कमलनाथ) मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने ऐसे कुकर्म किए कि पूरा प्रदेश तबाही की तरफ चला गया। यही कारण था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मामा के साथ खड़े होने का फैसला लिया।
12 घंटे रहने के निर्देश : सभी मंत्रियों को 19 फरवरी के दिन भोपाल में 12 घंटे तक रहने के निर्देश दिए गए हैं। 19 फरवरी को सुबह 9 से रात 9 बजे तक सभी मंत्रियों को भोपाल में रहना होगा। 19 फरवरी को रविवार है, लेकिन माना जा रहा है कि इस दिन प्रदेश में मंत्रिमंडल की बैठक होगी। मुख्यमंत्री शिवराज मंत्रियों के साथ रात्रिभोज भी करेंगे। इसमें भाजपा के बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं। एजेंसियां