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Last Modified: सुल्तानपुर (उप्र) , सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 (18:22 IST)

CM योगी के खिलाफ महंगा पड़ा बयान, सुल्तानपुर के प्रभारी CMS सस्पेंड, FIR भी दर्ज

Controversial statement case regarding Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath
Controversial statement case : उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विवादित बयान देना सुल्तानपुर जिले के बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. भास्कर प्रसाद को भारी पड़ गया। विवादित बयान के बाद प्रभारी सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद को राज्यपाल के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं जयसिंहपुर कोतवाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल की जर्जर स्थिति और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे उसी दौरान सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद ने यह विवादित बयान दिया था।

खबरों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विवादित बयान देना सुल्तानपुर जिले के बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. भास्कर प्रसाद को भारी पड़ गया। विवादित बयान के बाद प्रभारी सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद को राज्यपाल के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं जयसिंहपुर कोतवाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
दरअसल, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बिरसिंहपुर संयुक्त अस्पताल की जर्जर स्थिति और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे उसी दौरान सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद ने यह विवादित बयान दिया था। खबरों के अनुसार, एक वीडियो वीडियो सामने आया है जिसमें सुनाई दे रहा है कि धरना-प्रदर्शन के दौरान अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद ने कहा था कि 'अर्थी निकालना है तो सरकार की निकालो, योगी की निकालिए, सीएमएस और सीएमओ की क्यों..'।

प्रदर्शन के दौरान ही डॉ. भास्कर ने मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ विवादित बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। अब इस कार्रवाई के बाद जिले के अन्य अस्पतालों के प्रभारी भी सतर्क हो गए हैं। साथ ही पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 26 अक्टूबर 2025 को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, डॉ प्रसाद की टिप्पणियों को अत्यधिक अनुचित और आपत्तिजनक पाया गया। निलंबन अवधि के दौरान डॉ. प्रसाद को अयोध्या में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से संबद्ध किया गया है तथा बिना पूर्वानुमति के मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।
Edited By : Chetan Gour
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