शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Poem - why are schools so expensive

हिन्दी कविता : क्यों इतने महंगे स्कूल

हिन्दी कविता : क्यों इतने महंगे स्कूल - Poem - why are schools so expensive
पुस्तक और किताबें महंगी।
जूते और जुराबें महंगी।
शाला के परिधान कीमती।
शिक्षा का सामान कीमती
लूटपाट इतनी ज्यादा है।
कहीं नहीं अब बचे उसूल।
 
टयूशन फीस हुई मनमानी।
पैसों की ही खींचातानी।
निर्धन अब क्या करें बेचारे।
उनको देता कौन सहारे।
बड़े-बड़े स्कूल खुले हैं,
धनपतियों के ही अनुकूल।
 
शिक्षा अब व्यवसाय हो गई।
एक दुधारू गाय हो गई।
पैसे हैं तो करो पढ़ाई।
धन से डिग्री ले लो भाई।
रुतबा ताकत भाग्य बनाते।
निर्बल की किस्मत में धूल।


(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
 
ये भी पढ़ें
जयंती विशेष : सच्चे अर्थों में राष्ट्रीय कवि थे मैथिलीशरण गुप्त