हिन्दी दिवस पर बाल गीत : हिन्दी ऊपर लाना है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शनिवार,सितम्बर 13,2025
Hindi Diwas Poem in Hindi : खुलीं कापियां खुलीं किताबें, निकल पड़े बस्तों से पेन। मुन्ना बांच रहा पुस्तक में, मुरगी का ...
बाल गीत: बुढ्ढी के बाल
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,जुलाई 22,2025
लेकर आया लल्लू लाल, लाल लाल बुढ्ढी के बाल। हरे गुलाबी पीले भी हैं।
स्वेत बैगनी नीले भी हैं। सजे धजे बैठे डिब्बे में, ...
बाल कविता : चंद्र ग्रहण
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,जून 25,2025
बहुत दिनों से सोच रहा हूं, मन में कब से लगी लगन है। आज बताओ हमें पिताजी, कैसे होता सूर्य ग्रहण है। कहा पिताजी ने प्रिय ...
बाल गीत: गरम जलेबी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,जून 12,2025
मंगवा देना गरम जलेबी
गरम जलेबी पापाजी से,
मंगवा देना मम्मी।
दो दो दादा दादी को दो,
मुझे खिलाना दो मम्मी।
बाल कविता: अम्मा हमने कार खरीदी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,मई 23,2025
अम्मा हमने कार खरीदी यह तो बहुत काम की होती, मत कहना बेकार खरीदी। वर्षा जब होती है झम झम, हम इससे ही शाला जाते। पिंटू ...
बच्चों की मनोरंजक कविता: ऊधम का घोड़ा
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,मई 21,2025
अम्मा में लाया हूं कागज़, नाव बना दो अभी फटाफट। कल जो नाव बनाई थी मां, वह दीदी ने ली थी छीन। फाड़-फूड़ कर करी बराबर, टुकड़े ...
बाल कविता: इनको करो नमस्ते जी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,मई 20,2025
आज गांव से आए काका,
इनको करो नमस्ते जी।
जब-जब भी वे मिलने आते,
खुशियों की सौगातें लाते।
यादें सभी पुरानी ...
बाल गीत: बड़ी चकल्लस है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 19,2025
रोज-रोज का खाना खाना, बड़ी चकल्लस है। दादी दाल-भात रख देती,
करती फतवा जारी। तुम्हें पड़ेगा पूरा खाना नहीं चले ...
बाल गीत: सूरज रोज निकलता है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 12,2025
सुबह निकलकर दिन भर चलता, हुई शाम तो ढलता है। सूरज रोज निकलता है जी, सूरज रोज निकलता है। पूरब से हंसता मुस्काता।
सोना ...
बाल गीत : चलो खेत में महुए बीने
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,अप्रैल 23,2025
दबा बगल में एक टोकनी, चलो, खेत में महुए बीने। टप-टप, रोज टपकते महुए, सोने की चादर बिछ जाती। सूरज की किरणें पड़ती तो मारे ...