होली पर कविता : रंगों की बमबारी है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मार्च 6,2023
छुपों न घर में, बाहर आओ। अपने ऊपर रंग डलवाओ। आफत आज तुम्हारी है, रंगों की बमबारी है। आद्या, वंशी, गुल्ली दी ने, कई ...
बाल गीत : बड़े पिताजी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शनिवार,मार्च 4,2023
बड़े पिताजी पूना वाले, रात आए हैं ट्रेन से। लम्बी दूरी की थकान है,
अभी सोए हैं चैन से। बड़े पिताजी आई.आई.टी., रुड़की से ...
मजेदार कविता : हिंदी महीनों के संग अंग्रेजी माह
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,मार्च 3,2023
अंग्रेजी के महीनों के संग, हिंदी माह किस तरह चलते। हिंदुस्तानी होकर भी हम, बात जरा भी नहीं समझते। माह जनवरी में हिंदी ...
बच्चों की कविता : कांटा चलता रहे घड़ी का
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,मार्च 3,2023
हमें नहीं बांचों चिट्ठी सा। नहीं पढ़ों अखबार सरीखा। हम बच्चों की दिनचर्या का, अब खोजो कुछ नया तरीका। सुबह आठ से शाम चार ...
गणतंत्र दिवस पर कविता: भारत का ध्वज
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,जनवरी 23,2023
भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर हिन्दी कविता। हिंदू-मुस्लिम मिल कर रहते, ईसाई भी यार। अलग नहीं है किसी तरह भी, सिखों का ...
मजेदार गीत : मक्खे
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शनिवार,जनवरी 21,2023
मक्खी के दादाजी मक्खे, अभी-अभी भागे गुड़ चख के। जरा देर में फिर आ धमके। बैठ गए हैं गुड़ पर जमके। आह! नहीं अब उनकी खैर। ...
पुस्तक समीक्षा : बाल कहानियों की पुस्तक 'चुलबुली कहानियां' जादुई आकर्षण से भरपूर
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,दिसंबर 12,2022
neelam rakesh book review : नीलम राकेश देश की एक जानी-मानी बाल साहित्यकार हैं। उनकी रचनाएं देश की बाल पत्रिकाओं में ...
चटपटी बाल कहानी : नहीं नाक में कभी घुसेंगे
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,नवंबर 28,2022
ऐसे-ऐसे एक थी नाक। नाक बहुत मोटी और बड़ी थी। बड़ी और मोटी इसलिए थी क्योंकि नाक का मालिक बहुत मोटा और बड़ा था। नाक जब सोती ...
मजेदार बाल कविता : हवा भोर की
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,नवंबर 24,2022
हवा भोर की करती अक्सर, काम दवा का जी। यही बात समझाते हर दिन, मेरे दादाजी। इसी हवा में मनभावन सी, धूप घुली रहती। और ...
बाल गीत : एक-एक पल है उपयोगी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शनिवार,नवंबर 19,2022
कुछ घंटे जुड़वा दें, दिन में, कुछ घंटे बढ़वा दें रात। किसी तरह से क्यों न बापू, बड़े-बड़े कर दें दिन-रात। छोटे-छोटे दिन ...