बाल गीत : ठोको ताली
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,मार्च 3,2021
पास हो गए पहले नंबर, ठोको ताली। जाएंगे नाना के घर कल,
ठोको ताली।
bal kavita : बिना टिकिट के रेल में
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,मार्च 3,2021
तीन छछूंदर चढ़े रेल में, बिना टिकिट पकड़ाए। टी टी ने जुर्माना ठोका,
रुपए साठ मंगाए।
मजेदार बाल कविता : बैगन भैया
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,मार्च 3,2021
कुछ तो बोलो बैगन भैया, तुम पढ़ते हो कक्षा कौन? क्यों गुमसुम चुपचाप खड़े हो, साध रखा है बिल्कुल मौन।
बुन्देली बाल कविता : उठ जाओ अब राजा बेटा
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,फ़रवरी 16,2021
अम्मा ने तो धरो कलेबा, रोटी-साग एक डिब्बा में, लडुआ-बेसन के धर दये हैं, जो आये तोरे हिस्सा में।
Winter Short Story : मुझे टोको पापा
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,जनवरी 12,2021
गेट खोलकर कार बाहर निकालते-निकालते प्रभात की नजर बाईं तरफ बने कमरे की ओर चली गईं, जहां पापा दरवाजे के पास ही रखे सोफे ...
बाल गीत : नाच बंदरिया
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,नवंबर 4,2020
छम-छम-छम-छम नाच बंदरिया, छम-छम-छम-छम नाच। भीड़ खड़ी है नाच देखने, कमर जरा मटका दे।
पैर पटक ले आगे पीछे,
bal geet : हाथ पैर बन जाते पंख
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,नवंबर 3,2020
बन गए होते हाथ पैर ही, काश हमारे पंख। और परों के संग जुड़ जाते,
कम्प्यूटर से अंक।
बाल गीत : असली फूल दिखाओ
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,नवंबर 3,2020
मां गुड़हल का फूल कहां है, लाकर मुझे दिखाओ। चित्रों वाले फूल दिखाकर, मुझको न बहलाओ।
बाल कहानी : अब पछताए होत का?
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,अक्टूबर 28,2020
भोला का गांव शहर से लगा हुआ है। 1 किलोमीटर के लगभग चले भी नहीं कि शहर का क्षेत्र आरंभ हो जाता है। उसके बाद इतना ही चलने ...
बच्चों की कविता : मजे से
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,अक्टूबर 9,2020
हंसों मजे से, गाओ मजे से, हंसकर खाना, खाओ मजे से। बच्चों फिर दादी से बोलो,
अच्छी कथा सुनाओ मजे से।