बाल गीत: गरम जलेबी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,जून 12,2025
मंगवा देना गरम जलेबी
गरम जलेबी पापाजी से,
मंगवा देना मम्मी।
दो दो दादा दादी को दो,
मुझे खिलाना दो मम्मी।
बाल कविता: अम्मा हमने कार खरीदी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,मई 23,2025
अम्मा हमने कार खरीदी यह तो बहुत काम की होती, मत कहना बेकार खरीदी। वर्षा जब होती है झम झम, हम इससे ही शाला जाते। पिंटू ...
बच्चों की मनोरंजक कविता: ऊधम का घोड़ा
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,मई 21,2025
अम्मा में लाया हूं कागज़, नाव बना दो अभी फटाफट। कल जो नाव बनाई थी मां, वह दीदी ने ली थी छीन। फाड़-फूड़ कर करी बराबर, टुकड़े ...
बाल कविता: इनको करो नमस्ते जी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,मई 20,2025
आज गांव से आए काका,
इनको करो नमस्ते जी।
जब-जब भी वे मिलने आते,
खुशियों की सौगातें लाते।
यादें सभी पुरानी ...
बाल गीत: बड़ी चकल्लस है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 19,2025
रोज-रोज का खाना खाना, बड़ी चकल्लस है। दादी दाल-भात रख देती,
करती फतवा जारी। तुम्हें पड़ेगा पूरा खाना नहीं चले ...
बाल गीत: सूरज रोज निकलता है
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 12,2025
सुबह निकलकर दिन भर चलता, हुई शाम तो ढलता है। सूरज रोज निकलता है जी, सूरज रोज निकलता है। पूरब से हंसता मुस्काता।
सोना ...
बाल गीत : चलो खेत में महुए बीने
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,अप्रैल 23,2025
दबा बगल में एक टोकनी, चलो, खेत में महुए बीने। टप-टप, रोज टपकते महुए, सोने की चादर बिछ जाती। सूरज की किरणें पड़ती तो मारे ...
मोबाइल युग में पुस्तकें पढ़ने को प्रेरित करती एक मजेदार कविता: देकर हमें दुआएं
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,अप्रैल 17,2025
दादाजी-दादाजी मैंने, पढ़ी कहानी पुस्तक में। मोबाइल में पढ़ता तो,
दर्द आंख में होता था। आंख लाल हो जाती थी तो, बहुत देर ...
बाल कविता : चलो मार्निंग वॉक पर
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,मार्च 20,2025
दादाजी अब अंगुली पकड़ो, चलो मॉर्निंग वॉक पर। सुबह सबेरे पांच बजे ही,
छोड़ दिया बिस्तर मैंने। ब्रश मंजन कर जूते पहने, ...
होली पर कविता : मक्खी मच्छर की होली
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,मार्च 18,2025
poems on colours: मक्खी ने पिचकारी में रंग, भरकर मारा मच्छर पर। रंग देखा तो मच्छर भाई, भगे पैर सिर पर रखकर.। तभी सामने ...