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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (12:11 IST)

महात्मा गांधी पूरे विश्व के लिए सस्टेनेबल जीवनशैली के आदर्श हैं : जनक पलटा मगिलिगन

महात्मा गांधी पूरे विश्व के लिए सस्टेनेबल जीवनशैली के आदर्श हैं : जनक पलटा मगिलिगन - Mahatma Gandhi is the ideal of sustainable lifestyle for the entire world: Janak Palta
आज जिम्मी मगिलिगन सेंटर फार सस्टेनेबल डिवेलपमेंट देखने आए मेडी-कैप्स विश्वविद्यालय के दो शिक्षको सहित एमबीए के विद्यार्थीयों के साथ भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर दो मिनट तक मौन रखकर उन्हें याद किया और सभी के साथ महात्मा गांधी द्वारा गाया भक्ति गीत रघुपति राघव राजा राम  गाकर उन्हें श्रद्धांजलि ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा 'महात्मा गांधी पूरे विश्व के लिए सस्टेनेबल जीवन-शैली के आदर्श हैं!

उन्होंने पूरे विश्व को समस्त प्राणियो के साथ सद्भावना, सत्य, अहिंसा, सेवा, श्रम, त्याग, विश्वशांति, प्रकृति, स्वच्छता, प्रेम, एकता के बल पर भारत को आज़ाद कराया!' हम सभी के लिए वो सर्वोत्तम प्रेरणा है। मुझे 16 साल में भारत की पहली सफल ओपन हार्ट सर्जरी के बाद ईश्वर को इस नए जीवन को धन्यवाद देने का उद्देश्य मान कर जीवन में 'बहाई विश्व धर्म के मार्ग में अग्रसर होने में आज तक बापू जीवंत उदाहरण रहे! पिछले 40 साल से चंडीगढ़ छोड़ आदिवासी महिलाओं के विकास हेतु सस्टेनेबल जीवन-शैली आधारित जीवन जीना सीख रही हूं! 
 
विद्यार्थियों ने सूर्य और पवन शक्ति से संचालित उनके पति, स्वर्गीय जिम्मी मगिलिगन द्वारा 2010 में स्थापित अपने 2 किलोवाट सोलर और विंड मिल् से 50 आदिवासी भूमिहीन परिवारों को पिछले 12 साल से 19 स्ट्रीट लाइट्स से रोशन करता हुआ दिखाया। पूरा साइंस ग्रुप पहली बार वास्तव में 60 फुट ऊंचा पवन पंखा चलते हुए देख कर कर आचंभित था।

इसके तुरंत बाद, वही पर नीचे रखे 10 प्रकार के चलते हुए सोलर कुकरों पर, कुकिंग, बेकिंग और मिट्टी की हांड़ी में खौलती घर की उगा कर घट्टी से बनी जैविक दाल, चाय, बनती हुई सब्जी, गाय और कुत्ते के लिए खाना, पीने के लिए उबलता पानी, सोलर पॉवर बैंक, फ़ोन चार्जर, लैंप वगैरा देखना विज्ञान का सीधा प्रत्यक्ष प्रैक्टिकल भी उनके जीवन में पहली बार था। 
 
फिर अगला सरप्राइज था, बड़ा सोलर किचन जो बाहर से सूर्य के साथ ऑटो ट्रैकिंग शेफ्लर डिश से चल रहा था और उस पर सोलर फ्राइंग हो रही थी, किचन के अंदर से खाना बनाने वाले को न कोई धुंआ था न चूल्हे की गर्मी। उन्हें बताया गये साल के लगभग 300 दिन खाना धूप से सोलर कुकर्स पर बनता है और बरसात के दिनों के लिए, पुराने समाचार पेपर और सूखे घास-पत्ते से ब्रिकेट/कंडे बनाने वाली ब्रिकेट मशीन से बने (कंडों) के साथ चूल्हे /सिगड़ी पर बनता है। 'सस्टेनेबल जीवन-शैली' देखी समझी और संकल्प लिया कि वो बहुत प्रेरित हुए है और पूरा प्रयास करेंगे।

सबसे पहले मैं अपने विश्वविद्यालय मेडिकैप्स विश्वविद्यालय का आभारी हूं, क्योंकि इसी विश्वविद्यालय के द्वारा मुझे भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित श्रीमती डॉ. जनक पलटा मगिलिगन जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आप एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने महिला विकास, महिला सशक्तिकरण, महिला सम्मान, स्त्री पुरुष समानता और ना जाने कितने अन्य क्षेत्रो में आपने प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अनेक कार्य किए हैं।
 
आपने पिछड़े क्षेत्रों में जाकर वहां की समस्याओं को समझा और उन समस्याओं के समाधान पर कार्य किया। आपने 302 गांवों मे जाकर वहां की महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया है। आपने संधारणीय विकास के क्षेत्र में भी कार्य किया है, जिसमें सौर ऊर्जा से अपने घर के आस-पास का वातावरण प्रदूषण से मुक्त कर लिया है। यहां तक की आपके रसोई घर में सौर ऊर्जा के माध्यम से ही खाना बनता है। जो भी खाना आपके घर पर बनता है उसकी खेती भी आप ही के द्वारा होती है।
 
आपने 26 वर्षों तक बरली ग्रामीण महिला विकास संस्थान के निदेशक के रूप में सेवा दी और इसी बरली संस्थान के निदेशक मंडल के संस्थापक निदेशक हैं और संस्थान के बोर्ड पिछले 32 वर्षों में सदस्य के रूप में सेवारत है। आप अपने जन्मदिवस पर जितने वर्ष के आप होते हो उतने पेड़ आप लगाते हो और उन पेड़ों की देखभाल भी स्वयं करते हो। आपने इंदौर मै 51 लाख पेड़ लगाने का संकल्प जो कैलाश विजयवर्गीय जी ने लिया था, उसमें भी अपनी भागीदारी दी है। इन्हीं सब कार्यों के लिए भारत सरकार ने 2015 में आपको पद्मश्री से सम्मानित किया है। 
 
आपको भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी चार बार मिला है। हम बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि हमें आप जैसी इतने महान शख्सियत से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
सधन्यवाद।
 
- यश पुरोहित (छात्र मेडिकैप्स विश्वविद्यालय‌ इंदौर)
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