5 करोड़ में संवरेगी इंदौर लालबाग पैलेस की ऐतिहासिक धरोहर, एक साल और चलेगा काम, आर्टिस्ट दिन रात कर रहे काम
लालबाग को कवर करने के लिए बना मास्टर प्लान, सिंहस्थ मद में 47 करोड़ मंजूर
इंदौर के ऐतिहासिक लालबाग पैलेस में रखी एंटिक और पुरातात्विक धरोहर को सहेजने का काम पिछले एक साल से चल रहा है। मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार के निर्देश पर यहां कई तरह की वस्तुओं, महल के जीर्णाद्धार और प्राचीन आर्ट वर्क को सहेजने का काम चल रहा है। जिसमें कुल 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले एक साल से चल रहे इस काम के निरीक्षण के लिए सांसद शंकर लालवानी ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अब तक री-स्टोर की गई धरोहर का मुआयना किया और पत्रकारों से चर्चा कर इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। इस पूरे काम के लिए पुरातत्व विभाग, इंदौर और दिल्ली के आर्ट वर्क के विशेषज्ञ कलाकार, कई इंजीनियर और लालबाग का स्टाफ लगातार काम कर रहे हैं।
जीर्णशीर्ण हुई धरोहर को सहेज रहे विशेषज्ञ : बता दें कि लालबाग पैलेस होल्करकालीन है। इसमें कई तरह का आर्टवर्क, पैंटिंग, एंटिक वस्तुएं, एंटिक फर्निचर जानवरों के अवशेष और कलाकृतियां शामिल हैं। देशभर से रोजाना कई लोग यहां विजिट करने के लिए आते हैं। यह सारी प्राचीन कलाकृतियां समय के साथ जीर्णशीर्ण होती जा रही थी। ऐसे में इन्हें सहेजने की जरूरत थी। मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से पिछले एक साल से चल रहे काम में अब तक कई तरह की कलाकृतियों और होल्करकालीन विरासत को सहेज लिया गया है जो मृतप्राय: हो गई थीं। इनमें कई तरह का आर्टवर्क, पैंटिंग, एंटिक वस्तुएं, एंटिक फर्निचर, जानवरों के अवशेष, हथियार और कलाकृतियां शामिल हैं।
5 करोड़ में बदलेगी लालबाग की सूरत : सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि लाल बाग इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर है। इसे सहेजकर देशभर के लोगों को आकर्षित करने के मकसद से इसे रीस्टोर किया जा रहा है। इस काम को अब तक एक साल हो गया है। करीब एक साल का समय और लगेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कुल 5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके बाद उन्होंने सहेजी गई कलाकृतियों का मुआयना किया। विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन की मदद से बताया कि कैसे वस्तुएं खराब हो रही थीं और कैसे उन्हें फिर से सहेजा गया है।
47 करोड़ रुपए की राशि मंजूर: बता दें कि लालबाग की बाउंड्रीवॉल जर्जर हो चुकी है, जिसकी वजह से यहां कई तरह के असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। सांसद लालवानी ने बताया कि अब बाउंड्रीवॉल को गिराकर फिर से नए सिरे से बनाने के बारे में विचार किया जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार है। पुरातत्व विभाग को सिंहस्थ मद से 47 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। इस राशि से लालबाग परिसर की बाउंड्रीवॉल बनाने के साथ ही लालबाग परिसर में अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएंगे। लालबाग परिसर स्थित रामपुर कोठी (पुराना आरटीओ) और लालबाग के बीच नई बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी, जिससे कि दोनों अलग-अलग हो जाएंगे। वहीं लालबाग परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों से शुल्क वसूली करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
देवी अहिल्याबाई स्मारक बनेगा: पुरातत्व विभाग के उपसंचालक प्रकाश परांजपे के मुताबिक बाउंड्रीवॉल बनाने का काम पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा। परांजपे ने बताया कि रामपुर कोठी की जमीन पर देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित स्मारक बनाने का काम सरकार ने देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट को सौंपा हैं, क्योंकि देवी अहिल्या स्मारक ट्रस्ट पुरातत्व विभाग का हिस्सा नहीं है, अत: लालबाग परिसर से रामपुर कोठी को अलग करने के लिए बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी, जिससे दोनों लालबाग और रामपुर कोठी के परिसर अलग-अलग हो जाएंगे।
Edited By: Navin Rangiyal