भोपाल। कोरोना की जांच और इलाज में प्राइवेट अस्पतालों की वसूली की खबरों के बाद सरकार ने निजी अस्पतालों या जाँच केन्द्रों पर विभिन्न प्रकार की जाँचों के रेट तय कर दिए है। कोरोना की जांच करने वाला आरटीपीसीआर के 700 रुपये, रेपिड एन्टीजन टेस्ट के 300 रुपये, सी.टी.स्कैन के 3 हजार रुपये, ए.बी.जी. टेस्ट के 600 रुपये, डी- डाईमर टेस्ट के 500 रुपये, प्रो-कैल्सीटोनिन टेस्ट के एक हजार रुपये, सी.आर.पी. टेस्ट के 200 रुपये, सीरम फैरिटिन टेस्ट के 180 रुपये और आई.एल.-6 टेस्ट के एक हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। यदि घर से सेंपल लेना हो तो उसके लिए सभी श्रेणियों में 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा।
इसके अलावा सरकार कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमिडीसिवर इंजेक्शन को खरीदने का फैसला किया है। इसके साथ इसके उपयोग के सम्बन्ध में निर्धारित एसओपी एवं प्रोटोकॉल को अपनाने के निर्देश दिए गए है जिससे की रेमिडीसिवर के अनावश्यक उपयोग पर लगाम लग सकेगी और अभाव दूर होगा। सरकार रेमिडीसिवर इंजेक्शन खरीद कर गरीब तथा मध्यम वर्ग को यह इंजेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
इसके साथ हॉस्पिटल एडमिशन प्रोटोकॉल तैयार कर लागू किया जायेगा। इसका लाभ यह होगा कि हर पात्र मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की सुविधा मिलेगी तथा जिन्हें भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है वे घर पर ही आइसोलेट रहकर उपचार कर सकेंगे। इसके साथ प्रत्येक जिले में कम से कम एक कोविड केयर सेन्टर प्रारंभ किया जायेगा। यहॉ उन मरीजों को आइसोलेट किया जायेगा, जिनके घर पर होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है।
कोरोना को लेकर सरकार के बड़े निर्णय
-मास्क, ऑक्सीजन, दवाएँ आदि की कालाबाजारी और अनावश्यक मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
-होम आइसोलेटेड मरीज घर के बाहर न निकलें और प्रोटोकाल का पालन करें, इसकी सख्त व्यवस्था बनाई जाएगी।
-सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी आम जनता को आसानी से उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी।
-आयुषमान भारत योजना के हितग्राहियों का सभी पात्र अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज होगा।
-सरकारी अस्पतालों में दवाएँ, चिकित्सा जाँच और स्वास्थ्य अमले की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
-अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जायेगी।
-दस लाख मास्क का जनता में वितरण होगा।
-आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल सके, इस संबंध में व्यवस्था बनाई जाए।
-दुकानों पर मास्क नहीं तो-सामान नहीं के स्लोगन लगवाये जाएँ।
-साप्ताहिक हाट बाजार को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार किया जाए।
-निजी चिकित्सालयों को कोविड के रेपिड एंटीजन टेस्ट एवं आरटीपीसीआर की अनुमति प्रदान की जाए।
-अत्यंत अल्प लक्षण वाले रोगियों के घर पर उपचार का प्रोटोकाल जारी किया जाए।
-प्रायवेट चिकित्सालयों में जाँच, इलाज के लिए रेट लिस्ट अस्पतालों में चस्पा की जाए।
-प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर कोरोना के घर पर किए जा सकने वाले उपचार की कोरोना-किट रखने की व्यवस्था हो।