आरबीआई ने कहा, फिलहाल कर्ज लौटाने को लेकर मोहलत देने की जरूरत नहीं...
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि फिलहाल कर्ज भुगतान के लिए मोहलत देने की जरूरत नहीं है। कंपनियां स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं। देशभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमितों की बढ़ती संख्या और उसकी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लगाए जा रहे 'लॉकडाउन' के बीच उन्होंने यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पिछले साल कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर पड़े प्रभाव को देखते हुए कर्जदारों को राहत देने के लिए ऋण लौटाने को लेकर छह महीने की मोहलत दी थी।
कोरोनावायरस मामलों में फिर से तेजी को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र में गैर-जरूरी सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई है। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई भागों में रात में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद दास ने कहा, आज की स्थिति में कर्ज लौटाने को लेकर मोहलत देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कंपनियां खासकर निजी क्षेत्र स्थिति से निपटने और कामकाज जारी रखने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। हालांकि दास ने यह भी कि वह यह संकेत नहीं दे सकते कि आरबीआई भविष्य में क्या कदम उठा सकता है।
उन्होंने कर्ज लौटाने के लिए दी गई मोहलत उपाय को परंपरागत कदम बताया। दास ने कहा कि आरबीआई ने महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था की मदद के लिए पिछले साल कई नवोन्मेषी कदम उठाए। सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जीएसएपी) के तहत बांड खरीद कार्यक्रम की पूर्व में घोषणा उन्हीं उपायों में से एक है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, हम नियमित रूप से संपत्ति की गुणवत्ता आंकड़े पर नजर रखते हैं। किसी भी स्थिति में केंद्रीय बैंक को बिना सोचे-विचारे कदम नहीं उठाने चाहिए। और हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। हम स्थिति पर नजर रखेंगे और कोई भी निर्णय लेने से पहले उसकी गहराई और गंभीरता को देखेंगे।(भाषा)