भोपाल। मध्यप्रदेश इस समय कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है। भोपाल और इंदौर में हर नए दिन के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में अब लोगों की निगाहें कोरोना वैक्सीन पर टिक गई है,लोग ब्रेसबी से कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे है। मंगलवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की वैक्सीनेशन को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। बैठक के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।
कोरोना की वैक्सीन आने के बाद यह लोगों तक कैसे पहुंचेगी,किस तरह लोगों का टीकाकरण किया जाएगा इसको समझने और जानने के लिए 'वेबदुनिया' ने राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला से खास बातचीत की।
पहले चरण में इनका होगा वैक्सीनेशन- वेबदुनिया से खास बातचीत में डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन का बनाने का काम देश और विदेशों युद्धस्तर पर हो रहा है और वैक्सीन आने के बाद लोगों को वैक्सीनेशन किया जाएगा इसकी तैयारियां मध्यप्रदेश में लगभग पूरी हो चुकी है। वह कहते हैं कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना से लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर यानि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सरकारी और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर को डॉक्टरों और कर्मचारियों को लगाया जाएगा। पहले चरण में जिन लोगों को टीका लगाया जाना है उसका डाटा तैयार कर लिया गया है।
वहीं दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन हाईरिस्क वाले लोगों, जिनमें 65 साल से ऊपर के लोग, ब्लडप्रेशर,हाइपरटेंशन और कैंसर जैसे रोग से पीड़ित लोगों को लगाई जाएगी। प्रदेश में ऐसे लोगों का डाटा भी तैयार हो रहा है। इसके बाद आम लोगों का डाटा तैयार कर उनका टीकाकरण किया जाएगा।
वैक्सीनेशन की जानकारी मैसेज से मिलेगी- वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का पूरा प्लान हाईटेक तरीके से तैयार किया गया है, इसके लिए कंप्यूटर आधरित डाटा बेस तैयार किया जा रहा है।
इसमें हर व्यक्ति नाम,आधार कार्ड नंबर,कांटेक्ट नंबर (मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी) दर्ज किया जा रहा है। वैक्सीन के टीकाकरण के लिए लोगों को एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी जिसमें टीका लगवाने का दिन और समय लिखा होगा। इसके बाद लोगों को निश्चित दिन और निश्चित समय पर टीकाकरण कराने के लिए आना होगा। कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए बूथ बनाकर हर व्यक्ति के लिए निश्चित दिन पर एक समय स्लॉट निर्धारित किया जाएगा और लोगों को नियत समय पर पहुंचकर कोरोना वैक्सीनेशन कराना होगा।
वेबदुनिया से बातचीत में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि कोरोना की टीकाकरण की व्यवस्था कुछ वैसी होगी जैसी चुनाव के समय बूथों पर होती है। ऐसा कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और एक साथ क्राउड न हो इसके लिए किया जा रहा है।
वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन और कोल्डचेन का प्लान- वेबदुनियासे बातचीत राज्य टीकाकरण अधिकारी संतोष शुक्ला कहते हैं कि कोरोना वैक्सीन के भंडारण और रख रखाव के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है। कोरोना वैक्सीन के रखरखाव के लिए कुछ विशेष शीत श्रृंखला का निर्माण किया जा रहा है।
इसके साथ वैक्सीन आने के बाद उसको किस तरह सुरक्षित रखने के साथ उसका हेल्थ वर्करों तक परिवहन किस तरह किया जाएगा इसके लिए एक मजबूत सिस्टम विकसति किया गया है। वैक्सीन का ट्रांसपोर्ट प्लान बना लिया गया है। डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर और टेक्नीशियन जिनको वैक्सीन की देखरेख करनी है उनका राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण पुणे से राष्ट्रीय स्तर पर वेबीनार के जरिए करवा दिया गया है।
वैक्सीनेशन के लिए स्टॉफ पूरी तरह ट्रेंड - मध्यप्रदेश कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार है। वेबदुनिया से बातचीत में डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि पिछले साल मीजल रूबेला वैक्सीनेशन के समय एक महीने की तैयारी में ढाई करोड़ बच्चों का सफल वैक्सीनेशन हमारा स्टॉफ कर चुका है और इसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी की गई थी और प्रदेश के हर जिले के अधिकारियों को संगठन की ओर से प्रशंसा पत्र भी दिए गए थे।
मीजल रूबेला वैक्सीनेशन जैसे बड़े अभियान का बड़ा अनुभव हमारे पास है और हमारा स्वास्थ्य विभागक का मैदानी वर्कर बहुत ही मोटिवेटेड है और प्रशिक्षित है। कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए हमारा माइक्रोप्लान पूरी तरह तैयार है और अब वैक्सीन आते ही उसके टीकाकरण का कार्यक्रम शुरु कर दिया जाएगा।
वेबदुनिया के इस सवाल पर कि प्रदेश की लगभग सात करोड़ लोगों के टीकाकरण में कितना वक्त लगेगा इस पर डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि अभी इसको नहीं बताया जा सकता है, क्यों यह सब कुछ वैक्सीन आने के बाद ही तय हो सकेगा। वह कहते हैं कि टीकाकरण का कार्यक्रम पूरा कैलकुलेशन पर टीका होता जैसे वैक्सीन शरीर की किस हिस्से में लगाई जाएगी और उसके डोज और उपलब्धता कितनी होगी।