नई दिल्ली। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण की 3 ट्रायल की रिपोर्ट आ गई है। इस कोवैक्सीन के नतीजों ने उन सभी लोगों को करारा जवाब दिया है जो इस पर सवाल उठा रहे थे। दावा किया गया है कि वैक्सीन अंतरिम रूप से 81% तक प्रभावी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक मार्च को कोवैक्सिन का टीका लगवाकर लोगों का डर दूर करने का प्रयास किया था।
नतीजों से साफ हो गया है कि कोविशिल्ड की तुलना में कोवैक्सीन ज्यादा असरदार है। कोवैक्सीन 81% तक असरदार है जबकि कोविशिल्ड 78% तक ही असर कर रही है।
आईसीएमआर ने भी ट्वीट कर कहा कि कोवैक्सीन के अंतरिम रूप से 81% तक प्रभावी होने की बात करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की जीत बताया। इस ट्वीट में कहा गया है कि हम कोविड 19 के खिलाफ जंग में जीत के और करीब पहुंच गए हैं।
आईसीएमआर ने भी ट्वीट कर कहा कि कोवैक्सीन के अंतरिम रूप से 81% तक प्रभावी होने की बात करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की जीत बताया। इस ट्वीट में कहा गया है कि हम कोविड 19 के खिलाफ जंग में जीत के और करीब पहुंच गए हैं।
A great win for Atmanirbhar Bharat! Indias indigenously developed #COVAXIN shows 81% interim efficacy in Phase 3 trial. We are now one step closer to winning the fight against COVID-19. #Unite2FightCOVID @MoHFW_India @PMOIndia @drharshvardhan @PIB_India @BharatBiotech pic.twitter.com/jVKYy0Tsm1
— ICMR (@ICMRDELHI) March 3, 2021
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोवीशील्ड बनाई है। भारत में पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस टीके का निर्माण कर रही है। दूसरी ओर हैदराबाद की भारत बायोटेक ने ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी के साथ मिलकर कोवैक्सिन को तैयार किया है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 3 जनवरी को कोवैक्सिन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी। फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजे नहीं आने की वजह से उन मरीजों पर विशेष नजर रखी जा रही थी जिन्हें कोवैक्सीन के टीके लगाए गए।