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Last Updated : गुरुवार, 13 मई 2021 (18:54 IST)

Covishield टीके की दो डोज के बीच का अंतर 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया : सरकार

Covishield टीके की दो डोज के बीच का अंतर 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया : सरकार - 12 To 16-Week Gap For Covishield Doses, Says Government
नई दिल्ली। भारत सरकार ने कोविशील्ड टीके (Vaccine) की दो डोज लगवाने के बीच का समय समयांतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की कोविड-19 कार्य समूह की सफारिश को स्वीकार कर लिया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दो डोज के बीच समयांतर की घोषणा करते हुए उक्त बात बताई। 
 
मंत्रालय ने कहा कि लेकिन कोवैक्सीन के दो डोज के समयांतर (पहला और दूसरा डोज लगने के बीच का समय) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  उसने कहा कि वास्तविक समय के साक्ष्यों, विशेष रूप से ब्रिटेन से प्राप्त, के आधार पर कोविड-19 कार्य समूह कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने पर राजी हो गया है।
केंद्र ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव हुए लोगों को रिकवरी के 6 महीने के बाद वैक्सीन लगाई जाए। इससे पहले केंद्र समूह ने दो डोज की अवधि को बढ़ाने की सिफारिश की थी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड के दो डोज के बीच समयांतर फिलहाल 6 से 8 सप्ताह का है।
 
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) द्वारा 12 मई, 2021 को हुई बैठक में स्वीकार कर लिया गया। एनईजीवीएसी के प्रमुख नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल हैं। 
 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एनईजीवीएसी ने कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने के कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।  कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा आईएनसीएलईएन ट्रस्ट के निदेशक हैं। 
इसके सदस्यों में जेआईपीएमईआर के निदेशक और डीन डॉक्टर राकेश अग्रवाल, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कांग, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर जेपी मुल्लीयाल, नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंट बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) के ग्रुप लीडर डॉक्टर नवीन खन्ना, नई दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के निदेशक डॉक्टर अमूल्य पांडा और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉक्टर वीजी सोमानी शामिल हैं।
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