कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड के गलत इस्तेमाल से बिगड़ रहा मानसिक संतुलन : मनोचिकित्सक
भोपाल। कोरोना संक्रमण के शिकार हुए लोगों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाले स्टेरॉयड का मरीजों पर अब साइड इफेक्ट भी देखा जाने लगा है। डॉक्टरों के परार्मश के बिना स्टेरॉयड लेने वाले लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ने के मामले सामने आ रहे है। राजधानी भोपाल में ही अब तक इस तरह के कई मामले सामने आ चुके है ये कहना है कि प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी का।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि इस समय कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में देखा जा रहा है कि लोग स्टेरॉयड को लोग खुद से,लोगों की सलाह या सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज से प्रभावित होकर कर रहे है। लोगों के बिना डॉक्टरों के परामर्श के स्टेरॉयड लेने से लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है।
वह कहते हैं कि पिछले हफ्ते में उनके पास पंद्रह से बीस ऐसे मरीज आए जिनका मानसिक संतुलन बिगड़ने का कारण स्टेरॉयड का गलत ढंग यूज था। इन मरीजों से बात करने पर पता चला कि वह या तो अपने मन से या बिना किसी डॉक्टर के परामर्श से स्टेरॉयड ले रहे थे।
स्टेरॉयड के साइड इफेक्ट के लक्षण- 'वेबदुनिया' से बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते है कि स्टेरॉयड के बहुत से साइड इफेक्ट होते है जैसे नींद नहीं आना,सामान्य से ज्यादा एनर्जी महसूस करना या बिल्कुल ही गुमसुम रहना। वहीं स्टेरॉयड के गलत उपयोग लोगों में गुस्सा,अक्रामकता या खुद को नुकसान पहुंचाने का विचार को भी जन्म देता है।
वेबदुनिया के जरिए डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी लोगों से अपील करते हैं कि डॉक्टर से परार्मश से ही स्टेरॉयड ही लें। सोशल मीडिया या किसी अन्य की सलाह पर स्टेरॉयड बिल्कुल नहीं लें केवल डॉक्टर की निगरानी में स्टेरॉयड का उपयोग करें।