रवीना टंडन नहीं करना चाहती थीं फिल्मों में काम, बनना चाहती थीं आईपीएस ऑफिसर
बॉलीवुड में अपनी दिलकश अदाओं ने दर्शकों को मदहोश करने वाली रवीना टंडन ने अपने सिने करियर की शुरुआत साल 1991 में रिलीज फिल्म 'पत्थर के फूल' से की थी। रवीना टंडन को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए तीन दशक से अधिक समय हो गया है और इस दौरान उन्होंने कई कामयाब फिल्मों में काम किया है।
रवीना टंडन हाल ही में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के शो 'आपका अपना जाकिर' में पहुंची थीं। रवीना ने इस दौरान बताया कि उनके पिता रवि टंडन ने कई फिल्में बनाई है लेकिन वह फिल्मों में काम नहीं करना चाहती थी। रवीना ने बताया कि वह पढ़ाई कर रही थी। उनदिनों वह आईएस या आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती थी। वह किरण बेदी की फैन थी। एक बार अचानक उनकी मुलाकात निर्देशक अनंत बलानी और विवेक बासवानी से हुई।
रवीना ने बताया, अनंत बलानी उन दिनों फिल्म पत्थर का फूल बना रहे थे और उन्होंने उनसे इस फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। वो लोग मुझे पहचान नहीं सके लेकिन मैंने विवेक वासवानी को पहचान लिया। मैंने उनसे कहा कि मैं राजीव टंडन की बहन हूं।
एक्ट्रेस ने कहा, उसके बाद अनंत बलानी जी ने मुझे पत्थर के फूल में काम करने का प्रस्ताव दिया जिसे मैंने स्वीकार किया और इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रवीना टंडन ने शो के दौरान बताया था कि संजय दत्त के साथ उन्होंने सबसे अधिक 11 फिल्में की है। गोविंदा बहुत बेहतरीन अभिनेता हैं। मेरा मानना है कि गोविंदा एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जो एक ही सीन में किसी को हंसा भी सकते हैं और रूला भी सकते हैं।