• Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. narendra modi win in varansi
Written By BBC Hindi
Last Modified: शुक्रवार, 7 जून 2024 (07:53 IST)

वाराणसी में मोदी की जीत के आंकड़े, किसके मुकाबले कितने लोकप्रिय?

वाराणसी में मोदी की जीत के आंकड़े, किसके मुकाबले कितने लोकप्रिय? - narendra modi win in varansi
अभिनव गोयल, बीबीसी संवाददाता
चुनाव नतीजों का विश्लेषण कई तरह से किया जा रहा है, लेकिन हर विश्लेषण के केंद्र में पीएम मोदी ही हैं क्योंकि बीजेपी ने यह चुनाव उन्हीं के नाम पर लड़ा था। वे वाराणसी से लगातार तीसरी बार जीतकर संसद पहुँचे हैं लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर पहले के मुक़ाबले का काफ़ी कम हो गया है। ALSO READ: नरेंद्र मोदी क्या गठबंधन सरकार चला पाएंगे?
 
वाराणसी से साल 2019 में नरेंद्र मोदी जहां 4 लाख 79 हजार वोटों के अंतर से जीते थे, इस बार वह घटकर 1 लाख 52 हजार रह गया है। वाराणसी में पीएम मोदी के ख़िलाफ़ कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय को 4 लाख 60 हजार वोट मिले हैं।
 
वोटों के इस अंतर को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि 542 लोकसभा सीटों में से 224 सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवार पीएम मोदी के मुक़ाबले ज़्यादा अंतर से जीते हैं।
 
नरेंद्र मोदी बनाम विपक्षी चेहरे
modi vs oppsition leaders
224 लोकसभा सीटों में से 112 सीटें ऐसी हैं जहाँ अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत का अंतर वाराणसी में मोदी की जीत से अधिक है। बीजेपी के भी 112 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने पीएम मोदी के मुक़ाबले बड़े अंतर से जीत हासिल की है।
 
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार यह संख्या 99 पर पहुंच गई है। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर राहुल गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया है।
 
विपक्षी पार्टियों के कई ऐसे चर्चित नेता हैं, जिन्होंने इस चुनाव में नरेंद्र मोदी के मुकाबले अधिक वोट हासिल किए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर सीट 7 लाख 10 हजार वोटों के अंतर से जीती है।
 
इस लिस्ट में डीएमके की नेता एमके कनिमोझी, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के नेता गुरमीत सिंह, नेशनल कांग्रेस पार्टी(शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले के अलावा कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं।
 
नरेद्र मोदी बनाम बीजेपी के चर्चित चेहरे
win of bjp popular leaders
भारतीय जनता पार्टी के 112 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने नेता से अधिक अंतर से विजय हासिल की है। इस कड़ी में सबसे चर्चित नाम मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है। उन्होंने विदिशा सीट पर अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को 8 लाख 20 हज़ार वोटों के अंतर से हराया है।
 
इसके अलावा अमित शाह ने गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट को 7.44 लाख, महेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर सीट को 5.59 लाख, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश की गुना सीट को 5.40 लाख, मनसुख मांडविया ने गुजरात की पोरबंदर सीट को 3.83 लाख, पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सीट को 3.57 लाख और हेमा मालिनी ने उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट को 2.93 लाख वोटों से जीता है।
 
नरेंद्र मोदी बनाम पूर्व प्रधानमंत्री
modi third win
नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं, नेहरू के अलावा देश में किसी प्रधानमंत्री ने लगातार तीन चुनाव नहीं जीते हैं। भारत में अब तक 18 बार लोकसभा के चुनाव हुए हैं और नरेंद्र मोदी समेत 14 लोगों को देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है।
 
जवाहरलाल नेहरू अकेले ऐसे नेता थे जो तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके बाद देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम आता है, जो इस पद पर करीब 16 साल रहीं। इसके अलावा मनमोहन सिंह भी 10 सालों तक पीएम रहे।
 
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक तीसरी बार जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट पर अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को 33.45 प्रतिशत वोटों के अंतर से हराया था।
 
यहाँ हार जीत के अंतर की तुलना प्रतिशत में इसलिए की जा रही है क्योंकि मतदाताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है यानी नेहरू के दौर में एक चुनाव क्षेत्र जितने वोटर थे आज उससे कई गुना अधिक हैं।
 
इंदिरा गांधी जब तीसरी बार साल 1980 में प्रधानमंत्री बनी थीं, तो उन्होंने अपना लोकसभा चुनाव मेंडक सीट से लड़ा था। तब उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को 49.35 प्रतिशत वोटों के अंतर से हराया था।
 
तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने का मौका बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भी मिला लेकिन वे मोदी या नेहरू की तरह लगातार तीन चुनाव नहीं जीते थे। वाजपेयी ने लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को 16.39 प्रतिशत वोटों के अंतर से हराया था।
 
ऊपर दिए गए आंकड़ों के मुकाबले इस बार नरेंद्र मोदी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 13.49 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीते। हालांकि इन चुनावों में सर्वाधिक अंतर से जीतने वाले रकीबुल हुसैन हैं। वे धुबरी (असम) में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बदरुद्दीन अजमल से 10 लाख 12 हज़ार 476 मतों से जीते हैं।
 
वहीं मध्य प्रदेश की इंदौर सीट ऐसी है जहां नोटा का बटन दूसरे नंबर पर था, क्योंकि इस सीट पर मतगणना से पहले कांग्रेस के उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया था।
 
इस सीट पर शंकर लालवानी और नोटा के बीच का अंतर 10 लाख 8 हजार 77 है लेकिन अगर प्रतिद्वंदी उम्मीदवार से मुकाबले की बात करें तो इस सीट पर विनिंग मार्जिन 11 लाख 75 हजार 92 रहा है। देश की यह इकलौती सीट है, जहां सबसे ज्यादा 2 लाख 18 हजार 674 लोगों ने नोटा का बटन दबाया है।
 
इन चुनावों में सबसे कम जीत का मार्जिन मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट पर रहा। इस सीट पर शिव सेना (शिंदे) के रविंद्र वायकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिव सेना (उद्धव ठाकरे) अमोल कीर्तिकर को महज़ 48 मतों से हराया।
ये भी पढ़ें
आंध्र प्रदेश और बिहार विशेष राज्य का दर्जा क्यों चाहते हैं? इसके क्या फायदे हैं?