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वर्ष 2015 में नारी शक्ति : थोड़े आंसू, थोड़ी हंसी

वर्ष 2015 में नारी शक्ति : थोड़े आंसू, थोड़ी हंसी - 2015 and women
साल 2015 कई मिली-जुली यादों के साथ हमसे विदा ले रहा है। जाता हुआ साल फिर यह सोचने को विवश कर गया कि देश की नारी शक्ति को कभी उसका उचित स्थान मिलेगा या नहीं... साल का आगाज जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसी आकर्षक योजना के साथ हुआ था वहीं साल का अंत निर्भया उर्फ दामिनी उर्फ ज्योति सिंह के चर्चित गैंग रेप मामले में बरी हुए नाबालिग के साथ क्रोध और पीड़ा से भर गया।


वर्ष में कभी लगा कि नारी शक्ति की चमक बढ़ रही है तो कभी लगा कि नारी सशक्तिकरण के 'असंख्य प्रश्नों' के चेहरे पर निराशा की कालिमा छाई है। आइए तथ्यों और सूचनाओं के आइने में मुड़कर नजर डालते हैं साल 2015 पर... 
 
 
* बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ : मनाएं जन्म का उत्सव, नहीं वह पराया धन  
 
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूप में 100 निम्न लिंगानुपात वाले जिलों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ( BBBP) कार्यक्रम की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह कार्यक्रम 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले से आरंभ किया। यह 100 जिले वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों में निम्न बाल लिंगानुपात के आधार पर चुने गए। 
 
इस अभियान का समग्र लक्ष्य बालिकाओं का जन्मोत्सव मनाना और उन्हें शिक्षा देना है। मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को इस पूरी योजना का ब्रांड एंबेसेडर बनाया। इस अभियान के माध्यम से संदेश दिया गया कि बालिका के जन्म पर खुशी मनाई जाए, राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाए और बेटी को पराया धन मानने की मानसिकता का विरोध किया जाए।  
 
* सरपंच की फोटो से प्रेरित होकर मोदी ने की 'सेल्फी विद डॉटर' की अपील 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में जब 'सेल्फी विद डॉटर' की बात की तो देश भर से हर पिता ने अपनी बेटी के साथ तस्वीरें साझा करना आरंभ कर दिया। 
 
ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में रहे 'सेल्फी विद डॉटर' की कहानी काफी दिलचस्प है। हरियाणा के बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील जागलान ने '#SelfieWithDaughter' नाम के कैंपेन की शुरुआत की। जिसमें पिता अपनी बेटी के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इस कैंपेन के तहत हजारों तस्वीरें शेयर होने लगी।  देश भर के पिता अपनी बेटी के साथ सेल्फी ले कर सोशल मीडिया पर डालने लगे। 
 
अपने सेल्फी कैंपेन के बारे में सुनील जागलान के अनुसार, 'देशभर से बड़ी संख्या में सेल्फी आने से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। असल में आजकल हर वर्ग में खासकर युवाओं में सेल्फी का क्रेज है और इसी क्रेज के कारण मेरे दिमाग में बेटी बचाओ-सेल्फी बनाओ प्रतियोगिता का विचार आया।' सुनील बताते हैं कि उनके पास कुछ लोगों ने मैसेज करके या फोन करके कहा कि उनकी बेटी नहीं है। उन्हें इस बात का दुख है क्योंकि वे कैंपेन में हिस्सा नहीं ले पाए।
 
सुनील जागलान ने यह कैंपेन 9 जून को शुरू किया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा के लगभग हर जिले से वॉट्सऐप पर 700 से ज्यादा सेल्फी आई थीं। 20 जून को जब यह कैंपेन खत्म हुआ तो दिल्ली की पलक डागर, कुरुक्षेत्र की वंशिका और जींद की तान्या और सारा को विनर घोषित किया गया था।
 
जब स्वयं प्रधानमंत्री ने जनता से इस अभियान में शामिल होने की अपील की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ' मैं आग्रह करता हूं कि आप भी अपनी बेटी के साथ फोटो लेकर # SelfieWithDaughter लिखकर उसे शेयर करें। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, इस विचार को ताकत देने वाली टैगलाइन भी लिखें। जो भी प्रेरक टैगलाइन होगी उसे मैं रीट्वीट करूंगा।' 2015 में देश भर में इस अभियान की धूम रही। महिलाओं के पक्ष में यह सराहनीय और रचनात्मक कदम रहा। 
 
* प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास किए कि वे देश की जनता से अधिक से अधिक जुड़ सके। उन्होंने सोशल मीडिया और अपनी व सरकारी वेबसाइट के माध्यम से स्वच्छता अभियान के लिए स्लोगन आमंत्रित किए। इसमें गुजरात के राजकोट जिले की भाग्यश्री सेठ द्वारा प्रेषित स्लोगन 'एक कदम स्वच्छता की ओर' का चयन हुआ और उन्हें 25000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया। 
 
* यह खबर अच्छी नहीं है : 
 
24 फरवरी 2015 को सुप्रसिद्ध भारतीय पर्यावरणविद् डॉ. राजेन्द्र के. पचोरी ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति से इस्तीफे की घोषणा की। TERI की एक महिला कर्मचारी ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया। 
 
* वैश्विक स्तर पर चमक बरकरार 
 
इसी वर्ष वैश्विक स्तर पर भारत की महिला शक्ति ने देश के नाम को गौरव दिया। भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद  सीमा मल्होत्रा ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी द्वारा छाया मंत्री यानी shadow of minister नियुक्त की गई। 16 अक्टूबर 2015 को भारतीय मूल की अमेरिकी अधिवक्ता वनिता गुप्ता को राष्ट्रपति ओबामा द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया। वनिता इस पद पर नियुक्त होने वाली प्रथम दक्षिण एशियाई हैं।  
 
* सानिया मिर्जा : मशहूर खिलाड़ी सानिया मिर्जा दक्षिण एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला की सद्भावना राजदूत नियुक्त की गई। 
 
* प्रथम होने का सुख और प्रतिनिधित्व 
 
* नीता अंबानी : नीता अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्रथम महिला निदेशक नियुक्त की गई। 
 
* दीपिका मिश्रा : फरवरी 2015 में भारतीय वायुसेना में स्क्वड्रॉन लीडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायुसेना की फॉर्मेशन डिस्प्ले टीम 'सारंग' में शामिल की गई। दीपिका इस तरह शामिल होने वाली पहली महिला पायलट है। दूसरी महिला संदीप सिंह को भी पहली बार इस टीम में शामिल किया गया। 
 
* पद्मिनी प्रकाश : भारत की पहली महिला ट्रांसजेंडर टीवी समाचार-वाचक और एंकर   
 
* रेखा कालिंदी : एम्सटर्डम से प्रकाशित पुस्तक children who change the world में भारत की रेखा कालिंदी के वीरता पूर्ण कारनामों को पहली पार शामिल किया गया। 
 
*आरती देवी : ओडिशा के गंजाम जिले की धुनकापार पंचायत की सरपंच आरती देवी ने अमेरिका में संपन्न इंटरनेशनल विजिटर्स लीडरशीप प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।  
 
मालवथ पूर्णा : तेलंगाना की 13 वर्षीया पर्वतारोही मालवथ पूर्णा एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की बालिका बनी। 
 
भक्ति शर्मा : भारत की तैराक भक्ति शर्मा ने दक्षिणी ध्रुव महासागर अंटार्कटिक महासागर के खुले पानी में 1 डिग्री सेल्सियस तापमान में 1.4 मील (2.25 किमी) की दूरी 52 मिनट में तैर कर रिकॉर्ड बनाया। भक्ति यह कीर्तिमान रचने वाली विश्व की सबसे युवा तथा प्रथम एशियाई महिला बन गई। भक्ति ने 10 वर्ष के छोटे तैराकी करियर में सराहनीय कार्य किए हैं और मील के पत्थर स्थापित किए हैं, जिनमें 6 जुलाई 2006 को मात्र 16 वर्ष की आयु में 13 घंटे और 55 मिनट में शेक्सपियर बीच डॉवर इंग्लैंड से फ्रांस के कलैस तक इंग्लिश चैनल को पार करना तथा ज्यूरिख झील में तैराकी प्रतिस्पर्द्धा जीतना शामिल है।
 
10 जनवरी 2015 को भक्ति अंटार्कटिका के ठंडे पानी में तैरते हुए रिकॉर्ड बनाने वाली सबसे कम उम्र की पहली एशियाई महिला बन गई है।
 
* स्त्री शक्ति पुरस्कार 
 
: 8 मार्च 2015 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने महिला दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के स्त्री शक्ति पुरस्कारों का वितरण किया। विवरण इस प्रकार है: 
 
- सीमा प्रकाश, मध्यप्रदेश: रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार 
- अन्याय रहित जिंदगियां (स्वयंसेवी संगठन-गोवा) : देवी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार 
-  पी. भानुमति, केरल : कण्णगी पुरस्कार 
-  चंद्रप्रभा बोके, महाराष्ट्र : माता जीजाबाई पुरस्कार
- सिस्टर मारियोला, राजस्थान : रानी गैडिल्यु जेलियांग पुरस्कार 
-  आस्था संस्थान, राजस्थान : रानी रूद्रम्मा पुरस्कार 
 
* 500 वर्षों में पहली महिला पादरी : 
 
लिब्बी लेन : 26 जनवरी 2015 को चर्च ऑफ इंग्लैंड में लिब्बी लेन को पादरी के रूप में शामिल किया गया। लिब्बी 500 वर्षों में पादरी नियुक्त की जाने वाली पहली महिला हैं। 
 
* गणतंत्र दिवस परेड में दिखी महिला शक्ति
 
वर्ष 2015 का गणतंत्र दिवस स्त्री शक्ति प्रदर्शन के लिए जाना जाएगा। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में बतौर अतिथि शामिल हुए तो उन्होंने भारत के महिला सशक्तिकरण की विशेष झलक भी देखी। 2015 में महिला सशक्तिकरण को ही गणतंत्र दिवस की परेड की 'थीम' बनाया गया था। यह पहला मौका था जब गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान सेना के तीनों अंग- यानी थल सेना, नौ सेना और वायु सेना का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला अधिकारियों के दस्ते ने शिरकत की। इस बार सेना की पूरी की पूरी महिला टुकड़ी परेड में शामिल हुई। इस टुकड़ी में तीनों अंगों की 154 महिला अधिकारी शामिल हुईं। जिनका नेतृत्व सेना की वायु रक्षा कोर की कैप्टेन दिव्या अजीथ ने किया। पहली बार सेना की झांकी भी दिखाई गई जिसमें महिला सैनिकों के उस दल को दर्शाया गया जो एवरेस्ट पर्वत पर पहुंचा था। 
 
*  महिला टैक्सी चालक
 
इस बीच मुंबई की एक टैक्सी सेवा ने दावा किया कि उनकी टीम में सभी चालक महिलाएं हैं। उन्हें किसी अनहोनी से निपटने के लिए और महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दी जाती है। 
 
हिम्मत ऐप ने बढ़ाई हिम्मत 
 
इस वर्ष सरकार और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की महिलाओं को सबसे सुरक्षित बनाने की कोशिश की। पुलिस ने खतरे में घिरने वाली महिलाओं के बचाव के लिए 'हिम्मत' नाम का मोबाइल ऐप तैयार किया, जो पुलिस स्टेशनों में सायरन बजाता है। 
 
हिम्मत ऐप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने से महिलाएं किसी भी वक्त दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को सीधे इमरजेंसी संदेश भेज सकती हैं। मोबाइल को हिलाने पर या उसका होम बटन दो बार दबाने पर 10 सेकेंड के भीतर पुलिस कंट्रोल रूम को मैसेज चला जाता है। पुलिस मोबाइल के लोकेशन का पता लगाकर जल्द से मुश्किल में फंसी महिला तक पहुंच सकेगी। 
 
हिम्मत नाम का यह ऐप गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लॉन्च किया। इस मौके पर गृह मंत्री ने महिलाओं को काली मिर्च का स्प्रे भी बांटा और दिल्ली पुलिस के आत्मरक्षा अभियान से जुड़ने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया। 
 
फेसबुक पर '100 वूमन' : मेनका ने  दिया विवादित बयान
 
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि लैंगिक संवेदीकरण में पुरुषों की भूमिका निर्णायक है क्योंकि सभी तरह की हिंसा पुरुषों की पैदा की हुई है। मेनका ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की फेसबुक पर शुरू की गई पहल '100 वूमन' पर लोगों के सवालों के जवाब में यह बात कही। 
 
उन्होंने कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता जगाने में पुरुषों की भूमिका निर्णायक है, क्योंकि सभी हिंसा पुरुषों की पैदा की हुई है। हमने स्कूलों में 'जेंडर चैंपियन' कार्यक्रम शुरू किया। इसमें उन लड़कों को इनाम दिया जाएगा जो लड़कियों की मदद करेंगे और उनके प्रति सम्मान दिखाएंगे।
 
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने फेसबुक पर '100 वूमन' की शुरुआत की। इसका मकसद देश की ऐसी 100 महिलाओं की तलाश करना था, जिन्होंने अपने काम से अपने समुदायों में प्रभाव छोड़ा है और बदलाव की अलख जगाई है।
 
'100 वूमन' के तहत् महिलाओं को मंत्रालय के फेसबुक पेज पर नामित करने की बात कही गई। जिसके बारे में सबसे अधिक संस्तुतियां होंगी उनके नाम निर्णायक मंडल के सामने रखे गए जो 100 महिलाओं का चयन करने जा रहा है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के फेसबुक पेज पर 30 सितंबर तक नामांकन हुआ। चुनी गई महिलाओं की मेजबानी राष्ट्रपति 22 जनवरी 2016 को करेंगे। 
 
* बरी हो गया निर्भया का 'नाबालिग' अपराधी 
 
जाते हुए साल की सबसे ज्यादा दुखी कर देने वाली खबर यह रही कि 2012 में हुए जिस दिल्ली गैंग रेप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था उसका सबसे ज्यादा क्रूर अपराधी अपनी कम उम्र का फायदा उठाते हुए बरी हो गया। देश भर में फिर उसी तरह का विरोध का माहौल बना लेकिन कोर्ट ने अपनी असमर्थता जाहिर कर दी, कि उसके हाथ कानून से बंधे हैं। 

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