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Written By स्मृति आदित्य
Last Modified: सोमवार, 8 जून 2015 (16:52 IST)

रेप से बचाव करते हुए मर्डर हो जाए तो...

रेप से बचाव करते हुए मर्डर हो जाए तो... - Delhi Police Commissioner statement
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा कि रेप से बचने के दौरान अगर पीडित महिला के हाथों बलात्कारी की हत्या हो जाती है, तो उसके खिलाफ मर्डर केस दर्ज नहीं होगा। आत्मरक्षा के लिए उठाया महिला का यह कदम आपराधिक नहीं माना जाएगा। इस बयान को निश्चित तौर पर महिला सुरक्षा और सम्मान की नजर से सशक्त माना जा सकता है।  


 
उन्होंने कहा कि घटना आत्मरक्षा में होने की वजह से महिला को कानूनन पुलिस कातिल नहीं मान सकती। 
 
वरिष्ठ पदों पर बैठे पुरुषों की तरफ से जब इस तरह की बातें आती है तो उन्हें भी मीडिया में वैसी ही जगह मिलनी चाहिए जैसी छोटी सोच के मूर्खतापूर्ण बयानों पर मीडिया में शोर मचने लगता है। यह सुखद संकेत है कि वरिष्ठ पदों पर आसीन लोग ना सिर्फ महिला सुरक्षा को लेकर संवेदनशील हो रहे हैं बल्कि सार्वजनिक रूप से वह सकारात्मक सोच को समाज के समक्ष रख भी पा रहे हैं। 
 
यह समाज के एक बड़े बदलाव की शुरुआत मानी जा सकती है कि पुरुष अब खुलकर महिलाओं के समर्थन में आगे आ रहे हैं। इससे पहले भी गुड़गांव में ऊबर कैब के ड्राइवर द्वारा युवती से छेड़छाड़ की वारदात पर बस्सी ने कहा था कि अगर उस युवती ने सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ली हुई होती, तो उस आरोपी के दांत वहीं तोड़ सकती थी।
 
यूं तो बस्सी ने कोई नई बात नहीं कही है। कानून पीडिता के हाथों हुई मौत को हत्या की नजर से नहीं देखती है लेकिन इस बात को इतनी हिम्मत से सार्वजनिक रूप से शायद ही किसी ने रखा हो। बात यहां स्त्री या पुरुष की नहीं बल्कि इससे कहीं आगे मानवीय होने की है, संवेदनशील, साहसी और सकारात्मक होने की है। 
 
आए दिन मीडिया में पुरुषों के शर्मनाक, संवेदनहीन और विवादास्पद बयान सुर्खियां बनते हैं। दूसरे पुलिस को लेकर इस समाज में अब तक विश्वास का वैसा माहौल नहीं बन पाया है जो बनना चाहिए ऐसे में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की महिलाओं के हक में कही यह बात सराहनीय है।