इंदौर का लालबाग हुआ भगवा, बांग्लादेशी हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में जुटे लाखों लोग
rss aakrosh rally in indore protest against atrocities in bangladesh : बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों के खिलाफ इंदौर में इस समुदाय के लाखों लोगों ने बुधवार को सड़क पर उतरकर आक्रोश जताया। इस विरोध प्रदर्शन के समर्थन में शहर के बाजार आधे दिन तक बंद रहे। हजारों लोग पहले लालबाग में इकट्ठा हुए। रैली सुबह करीब 10 बजे लालबाग परिसर से शुरू हुई, जहां हिंदू समाज के लोग, संघ के स्वयंसेवक, बीजेपी कार्यकर्ता, व्यापारी संगठनों के सदस्य और अन्य सामाजिक संगठन एकत्र हुए। रैली में साधु-संतों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। शहर के सभी प्रमुख बाजारों ने इस विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आधे दिन के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
सरकार डाले दबाव : चश्मदीदों ने बताया कि हिंदू संगठनों के आह्वान पर हजारों लोग लालबाग में जुटे और वहां से रैली निकालकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। प्रदर्शनकारियों में बड़ी तादाद में महिलाएं, साधु-संत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपा। लालबाग से कलेक्टर कलेक्टर कार्यालय तक भगवामय हुजूम नजर आया।
ज्ञापन में की गई यह मांग : सकल हिंदू समाज के नाम से सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख तौर पर मांग की गई है कि भारत सरकार बांग्लादेश पर दबाव डाले ताकि पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके।
भाजपा के नेता भी हुए शामिल : प्रदर्शन में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक उषा ठाकुर और भाजपा के अन्य नेता भी शामिल हुए।ठाकुर ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचारों को लेकर गुस्सा जताते हुए कहा, अगर वे (बांग्लादेशी नागरिक) अपने देश के संविधान का पालन नहीं करते और मनुष्यों की तरह जीवन जीना नहीं चाहते, तो ऐसे लोगों के साथ न तो व्यापार किया जाना चाहिए न ही हमें उनके साथ खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होना चाहिए।
महू नाके से कलेक्टर तक सैलाब : लालबाग परिसर से सतों एवं मातृशक्ति के नेतृत्व में रैली महूनाके की ओर अग्रसर हुई तथा महाराणा प्रताप प्रतिमा ये मुड़कर कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ चली। इस समय इतनी संख्या में लोग उपस्थित थे कि जब रैली का अग्रिम भाग महू नाके से होकर कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचा तब तक भी लालबाग के अंदर ही रैली के पिछले हिस्से के हजारों लोग उपस्थित थे। हाथों में तख्तियां लेकर और गगनभेदी नारे लगाते हुए जनसमूह कलेक्टर कार्यालय के पास आकर जन-सभा में परिवर्तित हो गया।
मातृशक्तियां भी हुईं शामिल : इस रैली में हजारों की संख्या में मातृशक्ति ने भाग लिया। सामाजिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठन, विद्यार्थी, व्यापारी, नौकरीपेशा, युवा, वृद्ध एवं समाज के हर वर्ग का व्यक्ति उपस्थित रहा। मंच पर लगभग 30 संत महात्मा व समाज के अतिविशिष्ट-जन उपस्थित रहे तथा अनेक संतो ने अपने उद्बोधन में बांग्लादेश की घटनाओं पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए इसे अविलंब रोकने के लिए सभी उपक्रम करने की समझाइश दी।
तनावपूर्ण हुए संबंध : बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है। अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।Edited by : Sudhir Sharma